भागलपुर: महादेव सिंह कॉलेज की कोर कमेटी ने इस बात की खुशी व्यक्त की है कि अब कॉलेज के 177 कर्मियों को कर्मचारी भविष्य निधि का लाभ मिल पायेगा. कमेटी के सदस्य डॉ आनंद कुमार मिश्र ने बताया कि जनवरी के पहले सप्ताह में इसे लागू नहीं किया गया, तो महाविद्यालय कर्मी आंदोलित हो जायेंगे.
डॉ मिश्र ने बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि के सहायक आयुक्त के फैसले को अक्षरश: पालन करने के लिए तीन जनवरी अंतिम तिथि मानी गयी है. जांच पदाधिकारी दिनेश मिश्र ने 24 सितंबर को इपीएफ कटने के मामले की जांच की थी. जांच के क्रम में पाया गया था कि 177 कर्मी का इपीएफ नहीं कटता है. नियमानुसार जिस संस्थान में 20 से अधिक कर्मी कार्यरत हैं, उन कर्मियों का इपीएफ कटना आवश्यक है. उन्होंने बताया कि महाविद्यालय ने अपना पक्ष रखते हुए महादेव सिंह कॉलेज को इपीएफ के दायरे से बाहर बताया था. जांच पदाधिकारी ने वर्ष 2009 से 2014 तक में लगभग एक करोड़ पांच लाख पैंसठ हजार रुपये का बकाया सुनिश्चित किया. इसे जमा करने का निर्देश दिया है. उन्होंने शासी निकाय के अध्यक्ष से कर्मियों के हित में उक्त फैसले को लागू करवाने की मांग की है.
महादेव सिंह कॉलेज के बर्सर सह प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ विभु कुमार राय ने बताया कि इपीएफ, एमपीएफ 1952 एक्ट अनस्किल्ड लेबर, इंडस्ट्री या फैक्टरी में काम करनेवाले कर्मी या केंद्र सरकार के संस्थानों में काम करनेवाले कर्मी पर लागू होता है. इस एक्ट में ही एक प्रावधान है कि कॉलेज में कंट्रीब्यूटरी प्रोविडेंट फंड (सीपीएफ) ही लागू होगा. सीपीएफ कॉलेज व विवि कर्मी पर लागू होता है. उन्होंने बताया कि बिहार स्टेट यूनिवर्सिटी एक्ट 1976 द्वारा कॉलेज शासित होते हैं. इस स्थिति में कर्मचारी भविष्य निधि द्वारा पूछे गये प्रश्नों पर तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय से महादेव सिंह कॉलेज प्रशासन ने सुझाव मांगा था. विवि ने लिखित में यह सुझाव दिया कि कॉलेज कर्मियों पर सीपीएफ लागू होता है. ऐसे में कर्मचारी भविष्य निधि को लेकर दिया गया आदेश एकतरफा है. डॉ राय ने यह भी बताया कि बिहार स्टेट यूनिवर्सिटी एक्ट के अनुसार कॉलेज कर्मियों के हित में जो भी नियम बने हुए हैं, उस दिशा में कॉलेज प्रशासन काम कर रहा है.