भागलपुर: बिना ट्यूशन फी व छात्रवास फी के पढ़ाने की लालच दे कर एक स्कूल प्रबंधन 250 से अधिक अभिभावकों से लगभग 22 लाख रुपये ठग कर फरार हो गया. सबौर प्रखंड के वंशीटीकर के समीप कामाख्या नगरी स्थित इंदिरा गांधी रेसिडेंसियल स्कूल के फाउंडर मेंबर राजीव रंजन व प्राचार्य हिमांशु कुमार ने अभिभावकों को बैठक के लिए बुलाया था. बैठक में स्कूल के बंद होने की बात पर अभिभावकों ने शुक्रवार को जम कर हंगामा किया.
स्कूल में कोई भी कागजात न पाकर काफी आक्रोशित हो गये. छात्रवास में बैठक करने के बाद अभिभावकों ने स्कूल में ताला जड़ दिया और सामूहिक रूप से जिलाधिकारी से मिलने गये, लेकिन वहां मौजूद एसडीओ सुनील कुमार व सिटी डीएसपी वीणा कुमारी ने सबौर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने को कहा. सिटी डीएसपी ने सबौर थाना को दूरभाष पर अभिभावकों द्वारा आवेदन देने के उपरांत प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश भी दिया. दूसरी ओर मजे की बात यह कि स्कूल के निदेशक मणिकांत सिंह कनोडिया ने जहां भागलपुर में स्कूल बंद कर दिया, वहीं बांका जिले के जगतपुर में इसी नाम से स्कूल खोल लिया है. उसमें फिलहाल 35 बच्चे नामांकित हैं.
ऐसे दिये गये थे झांसे : स्कूल के छात्रवास में शुक्रवार को अभिभावकों ने स्कूल के फाउंडर मेंबर राजीव रंजन व प्राचार्य हिमांशु कुमार, शिक्षक प्रमोद कुमार ठाकुर व सुनील कुमार सुमन के साथ बैठक की. अभिभावकों ने बताया कि नामांकन से पहले निदेशक मणिकांत सिंह कनोडिया ने उन्हें बताया था कि नेशनल एजुकेशनल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट नामक एनजीओ (गैर सरकारी संस्था) के अंतर्गत यह स्कूल चल रहा है. इसमें गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई होगी.
छात्रावास व ट्यूशन फी नहीं लगेगा. इसके बाद उन लोगों ने अपने बच्चों का नामांकन कराया था. (यह जानकारी गौरीपुर निवासी अभिभावक सह शिक्षक प्रमोद कुमार ठाकुर, कोहड़ा निवासी अभिभावक सह शिक्षक सुनील कुमार सुमन व जमालपुर निवासी अभिभावक संजय कुमार सिंह सहित कई अभिभावकों ने दी.)