भागलपुर: विशेष केंद्रीय कारा में बंद सजायाफ्ता बीमार कैदी किसलय (27) बुधवार से अनशन पर है. वह इन दिनों कैंप के भीतर अस्पताल में भरती है. उसकी मां बिंदु देवी शुक्रवार को जेल मिलने गयी तो उसे पता चला कि उनका बेटा अनशन पर बैठा है. इस कारण किसलय से उसकी मां की मुलाकात भी नहीं हो पायी.
किसलय की मांग है कि उसे जल्द से जल्द एम्स में भरती कराया जाये, ताकि उसकी जान बच सके. बिंदु देवी ने बताया कि किसलय बोन टीबी से ग्रसित है. पीएमसीएच से उसे दिल्ली एम्स रेफर किया जा चुका है, लेकिन जेल प्रशासन उसे दिल्ली नहीं ले जा रहा है. जबकि राज्य स्तरीय मेडिकल बोर्ड में भी किसलय को दिल्ली एम्स रेफर कर दिया गया है. किसलय की जान बचाने के लिए उसकी मां बिंदु देवी अपने बीमार बेटे की जिंदगी बचाने के लिए जेल आइजी तक गुहार लगा चुकी है.
हत्या के मामले में किसलय को आजीवन सजा हो चुका है. 2009 से वह जेल में बंद है. मुजफ्फरपुर के चिहूंटा गांव का रहनेवाला है. सजा होने के बाद उसे मुजफ्फरपुर से भागलपुर कैंप जेल भेज दिया गया है. 2013 के अंतिम माह से वह भागलपुर जेल में बंद है. बीमारी के कारण किसलय उठ नहीं पाता है. सोयी अवस्था में ही वह भोजन और नित्य कर्म करता है. जेएलएनएमसीएच से पीएमसीएच और फिर जेएलएनएमसीएच का चक्कर लगा कर किसलय और उसकी मां थक चुके हैं.
बीमारी कैदी किसलय के अनशन पर बैठने की जानकारी नहीं है. किलसय को दिल्ली एम्स ले जाने की अनुमति गृह विभाग से नहीं मिली है. हालांकि राज्य स्तरीय मेडिकल बोर्ड में किसलय को दिल्ली एम्स रेफर कर दिया गया है. लेकिन किसी कैदी को राज्य से बाहर ले जाने के लिए सरकार का आदेश जरूरी है. किसलय की बीमारी पर सरकार का अब तक सवा लाख रुपये खर्च हो चुका है.
नीरज झा, जेल अधीक्षक, विशेष केंद्रीय कारा