जगदीशपुर : कुव्यवस्था के लिए बदनाम सीएचसी जगदीशपुर में नित नये कारनामे सामने आ रहे हैं. दो दिन पहले दो प्रसूताओं को सीएचसी में भर्ती नहीं लेने का मामला ठंडा भी नहीं हुआ है कि एक और मामला सामने आ गया. गोराडीह प्रखंड के छोटी दोस्तनी गांव की सजनी देवी को रविवार की सुबह प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था.
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प्रसव के लिए सुबह भर्ती हुई महिला, हिमोग्लोबिन में कमी बताकर रात में कर दिया रेफर, परिजनों में रोष
जगदीशपुर : कुव्यवस्था के लिए बदनाम सीएचसी जगदीशपुर में नित नये कारनामे सामने आ रहे हैं. दो दिन पहले दो प्रसूताओं को सीएचसी में भर्ती नहीं लेने का मामला ठंडा भी नहीं हुआ है कि एक और मामला सामने आ गया. गोराडीह प्रखंड के छोटी दोस्तनी गांव की सजनी देवी को रविवार की सुबह प्रसव […]
दिनभर भर्ती रहने के बाद देर रात उसे अचानक यह कहकर रेफर कर दिया गया कि इसके शरीर में हिमोग्लोबिन मात्र चार ग्राम है. यह सुनकर परिजन परेशान हो गये आैर डॉक्टर के इस रवैये से आक्रोश भी. परिजनों का आरोप था कि अस्पताल से जानबूझकर रेफर किया जा रहा है. परिजनों का आरोप था कि एक एएनएम ने डिलवरी के लिये पांच सौ रुपये मांगे थे नहीं देने पर उसे रेफर कर दिया गया.
परिजनों कहा कि यदि हिमोग्लोबीन कम था तो दिन में ही बताना चाहिए था, ताकि ससमय उसे भागलपुर ले जाते. अस्पताल में एंबुलेंस की भी व्यवस्था नहीं थी तो ऐसे में हम गरीब लोग प्रसूता को कहां ले जायेंगे. इस संबंध में ड्यूटी पर मौजूद एएनएम ने बताया कि सुबह प्रसूता को भर्ती करते समय कोई और एएनएम थी. किट से जांच करने पर हिमोग्लोबीन कम पाया गया. एएनएम ने पैसा मांगने की बात से भी इन्कार किया.
कहते हैं सीएचसी प्रभारी
सीएचसी प्रभारी डाॅ ब्रजभूषण मंडल ने बताया कि प्रसूता को अस्पताल में रखने मे कोई परेशानी नहीं है. हिमोग्लोबीन कम रहने के कारण डिलवरी होने से जच्चा बच्चा को खतरा हो सकता है. इसलिये रेफर किया गया.
इलाज के बाद अस्पताल से दोनों प्रसूता डिस्चार्ज
जगदीशपुर. अस्पताल मे भर्ती नही लेने के बाद उत्पन्न हुये विरोध के बाद शनिवार को रामपुर फाजिलपुर की दोनों प्रसूताओं को भर्ती ले लिया गया था और इलाज के बाद रविवार को दोनों को डिस्चार्ज कर दिया गया.जच्चा व बच्चा दोनों को जांच मे स्वस्थ पाया गया. गौरतलब है कि रामपुर फाजिलपुर की दो महिलाएं पूजा देवी व गुंजन देवी की डिलवरी ऑटो पर और अस्पताल परिसर में हो गयी थी.
जिसके बाद सीएचसी प्रभारी ने दोनों को बाहरमे डिलवरी होने की बात कहकर अस्पताल में भर्ती नही लिया था. इस कारण दोनों महिलाओं को रातभर तड़पते हुए ऑटो पर सोना पड़ा था. उसके नवजात बच्चों को फर्श पर रहना पड़ा था. इससे लोगों में अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ भारी रोष था.
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