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बगलो के स्कूल में पढ़ै छियै, आज भोरे-भोर इहां बोलाय लैलके

भागलपुर :समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह के सामने शनिवार को आंगनबाड़ी केंद्र के संचालन की पोल खुल गयी. औचक निरीक्षण में मंत्री व उनकी टीम आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 46 पर गये और हाजिरी रजिस्टर की जांच की. उसमें 40 बच्चों का रजिस्ट्रेशन लिखा हुआ था, मगर मौके पर 13 बच्चे बैठे हुए नजर आये. सिंह […]

भागलपुर :समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह के सामने शनिवार को आंगनबाड़ी केंद्र के संचालन की पोल खुल गयी. औचक निरीक्षण में मंत्री व उनकी टीम आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 46 पर गये और हाजिरी रजिस्टर की जांच की. उसमें 40 बच्चों का रजिस्ट्रेशन लिखा हुआ था, मगर मौके पर 13 बच्चे बैठे हुए नजर आये. सिंह ने बच्चों से दुलारते हुए प्रत्येक दिन मिलनेवाले भोजन के बारे में पूछा.

इस दौरान उन्होंने कुछ बच्चों से पूछा कि तुम्हारे पास ड्रेस नहीं है, कहां पढ़ाई करते हो, तपाक से चार बच्चे ने भोलेपन में बोले कि बगलो के स्कूल में पढ़ै छियै, आज भोरे-भोर बोलाय लैलके इहां. इतना कहते ही समाज कल्याण मंत्री पास खड़ी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अर्चना कुमारी का चेहरा आक्रोश में देखने लगे. सुबह आंगनबाड़ी केंद्र पर नाश्ता नहीं दिया गया था.
मंत्री ने तत्काल डीपीओ को रजिस्टर में लिखवा लिया कि चार बच्चे बाहर से लाये गये हैं. उन्होंने मामले की जांच करने का निर्देश दिया. मंत्री ने पांच आंगनबाड़ी केंद्र का दौरा किया, जिसमें तीन केंद्र में अनियमितता पायी गयी. इसमें आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 46 के अलावा केंद्र संख्या 44 व 48 रहे. वहीं, केंद्र संख्या 45 व 121 में स्थिति संतोषजनक मिली. इस दौरान मंत्री ने बाल गृह का भी दौरा किया, जहां पर सुबह 9:40 बजे चार शिक्षक (दो प्राथमिक व दो उच्च) गैर हाजिर थे. मंत्री ने मामले को लेकर डीएम से शिक्षक के नहीं उपस्थित होने पर रिपोर्ट मांगी है.
आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 44 : न ड्रेस में बच्चे, नाश्ता भी नहीं मिला : आंगनबाड़ी केंद्र में कुल 40 बच्चों का रजिस्ट्रेशन हुआ है. इसमें 20 की उपस्थिति थी. कोई भी बच्चा पोशाक में नहीं आया था. वहां पर निरीक्षण के समय तक नाश्ता नहीं दिया गया.
आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 48 : 12 जुलाई से 17 अगस्त तक हाजिरी रजिस्टर नहीं भरा गया : आंगनबाड़ी केंद्र की बुजुर्ग हो चुकी सेविका से हाजिरी रजिस्टर मांगा गया और उसकी जांच की गयी. वहां पर कुल 40 बच्चों का रजिस्ट्रेशन था, मगर 14 बच्चे उपस्थित मिले. सबसे रोचक यह था कि हाजिरी रजिस्टर में 12 जुलाई से बच्चों की हाजिरी नहीं बनायी गयी थी. बच्चों को ड्रेस भी नहीं था. सेंटर के मकान का दो साल से किराया भी नहीं दिया गया था. कुछ ऐसी ही स्थिति लगभग सेंटरों की है, पर कुछ होता नहीं.

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