भागलपुर: सूबे के आठ विश्वविद्यालयों में 23 करोड़ 80 लाख 28 हजार की राशि की गड़बड़ी मामले में कई कुलपति, कुलसचिव व शिक्षक आदि पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है. सीएजी के प्रतिवेदन पर सभी संबंधित विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव ने राशि का ब्योरा के साथ पत्र प्रेषित किया है.
पत्र में स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि राशि की वसूली संबंधित लोगों से की है, तो वसूली की स्थिति साक्ष्य के साथ बतायी जाये. अनियमित रूप से व्यय आदि मामलों की अद्यतन स्थिति साक्ष्य के साथ मांगी गयी है. इसे तत्काल प्रस्तुत करने को कहा गया है.
बीएन मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा से विश्वविद्यालय के अयोग्य कर्मचारियों की सेवा बरकरार रखने से 6.75 करोड़ रुपये के वेतनादि पर अनियमित भुगतान की राशि की संबंधित कुलपति व कुलसचिव के विरुद्ध राशि वसूली की कार्रवाई का साक्ष्य प्रस्तुत करने को कहा है. उल्लेखनीय है कि यह मामला वर्ष 2009-10 का है. वर्ष 2010-11 में शिक्षण शुल्क का कर्मचारियों के वेतनादि पर 1.17 करोड़ रुपये का अनियमित व्यय के मामले में मदवार ब्योरा कारणों के साथ बताने को कहा गया है. इसी तरह वर्ष 2010-11 में अग्रिम वेतन वृद्धि का अनियमित रूप से 9.02 लाख रुपये का भुगतान के मामले में 18 शिक्षकों से राशि वसूली का ब्योरा साक्ष्य के साथ प्रस्तुत करने को कहा है. पटना विश्वविद्यालय से संयुक्त सचिव ने कहा है कि वर्ष 2001-02 के 50 लाख के निष्फल व्यय के मामले में पुस्तकों, जर्नल व शोध प्रबंधों की कंप्यूटर प्रविष्टि की अद्यतन स्थिति साक्ष्य के साथ बतायी जाये.
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर में वर्ष 2010-11 में शिक्षण शुल्क का कर्मचारियों के वेतनादि पर हुए 7.09 करोड़ रुपये के अनियमित व्यय मामले में अवशेष 4.98 करोड़ रुपये के सामंजन या वापसी का ब्योरा मांगा गया है. कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में वर्ष 2010-11 में अग्रिम वेतन वृद्धि का 87.49 लाख रुपये का अनियमित भुगतान मामले में 45 शिक्षकों से वसूली गयी राशि का ब्योरा का साक्ष्य देने को कहा है. कुल मिला कर सभी विश्वविद्यालयों से एक-एक कर सभी मद की राशि का ब्योरा साक्ष्य के साथ तत्काल प्रस्तुत करने को कहा है.