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पहले ही दिन 300 करोड़ का लेन-देन हुआ प्रभावित
भागलपुर : यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर वेतन समझौता लागू कराने की मांग को लेकर बुधवार को राष्ट्रीयकृत व निजी बैंकों में दो दिवसीय हड़ताल शुरू हुआ. हड़ताल से बैंकिंग सेवाएं प्रभावित रही. क्लियरिंग हाउस बंद रहने, बैंक की शाखाओं में कैश ट्रांजेक्शन व चेक निबटारा नहीं होने से करीब 300 करोड़ […]
भागलपुर : यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर वेतन समझौता लागू कराने की मांग को लेकर बुधवार को राष्ट्रीयकृत व निजी बैंकों में दो दिवसीय हड़ताल शुरू हुआ. हड़ताल से बैंकिंग सेवाएं प्रभावित रही. क्लियरिंग हाउस बंद रहने, बैंक की शाखाओं में कैश ट्रांजेक्शन व चेक निबटारा नहीं होने से करीब 300 करोड़ रुपये का लेन-देन प्रभावित रहा.
हड़ताल से ग्राहकों को असुविधा का सामना करना पड़ा.
हड़ताल के कारण सड़क पर सन्नाटा : बैंक में हड़ताल होने के कारण सड़क पर आमलोगों की भीड़ कम हो गयी थी. कहीं-कहीं तो सन्नाटा दिख रहा था. बाजार में अचानक ग्राहकों की संख्या 60 प्रतिशत तक घट गयी थी. बैंकों के एटीएम बंद होने से कई अनजान उपभोक्ताओं को एटीएम तक पहुंचकर लौटना पड़ा.
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के जिला संयोजक अरविंद कुमार रामा के नेतृत्व में एसबीआई के सामने अरूण कुमार सिंह, जयेश कुमार झा, राधारानी सिन्हा रोड के इलाहाबाद जोनल के सामने संजय लाठ, खलीफाबाग यूनाइटेड बैंक के सामने गोपेश कुमार और आइसीआइसीआइ के सामने अरविंद कुमार रामा के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन हुआ.
इससे पहले अधिकारियों व कर्मचारियों ने हड़ताल के समर्थन में विभिन्न बैंकों का दौरा किया और बैंक को बंद रखने की अपील की गयी. अरविंद कुमार रामा ने कहा कि बैंकों में व्यवसाय बढ़ता जा रहा है और बैंककर्मियों का कार्यभार बढ़ता जा रहा है. स्टाफ की संख्या दिन व दिन घटती ही जा रही है. बैंकों में नियुक्तियां बंद है. हाल के दिनों में विधायिका, न्यायपालिका व केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन वृद्धि कई गुनी हुई. बैंककर्मियों का केवल दो प्रतिशत वेतन वृद्धि करने का आॅफर देना अन्याय है.
इलाहाबाद बैंक अधिकारी संघ के प्रदेश सचिव संजय लाठ ने बताया कि वेतन समझौता नवंबर 2017 से लंबित है. पांच मई को यूएफबीयू और आइबीए के बीच वाताार् में मात्र दो प्रतिशत वेतन बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया, जो अपमानजनक है. सम्मानजनक वेतन समझौता हो, जो बड़े एनपीए डिफॉल्टर्स हैं, उससे जल्द-जल्द से वसूली की जाये. फाइव डे लागू किया जाये, रेगुलेटेड वर्किंग आवर लागू हो, बैंक का निजीकरण एवं मर्जर बंद करे. इलाहाबाद बैंक के सामने मजाज हसन, प्रमोद सिंह, अभिनव कुमार, रमेश कुमार महतो, अश्विनी दास, गुणवंत भगत, गुंजेश ने प्रदर्शन किया. वहीं एसबीआइ मुख्य शाखा के सामने एसबीआइ स्टाफ एसोसिएशन,भागलपुर जोन के महासचिव जयेश कुमार झा ने कहा कि यदि मांग पूरी नहीं की गयी, तो अनिश्चितकालीन हड़ताल को बाध्य होंगे. बैंक अधिकारियों एवं कर्मचारियों के नौ ट्रेड यूनियन के सदस्यों की समन्वय इकाई के निर्देश पर ही हड़ताल की गयी. उनके साथ अरुण कुमार सिंह, प्रदीप रजक, विरेंद्र कुमार मिश्रा, उज्जवल घोष, प्रकाश मिश्रा, अरुण कुमार, वसंत झा शामिल थे.
बैंक बंदी के पहले दिन बाजार में 50 फीसदी तक कारोबार में मंदी
बैंकों में हड़ताल होने से ग्राहक बैंक व एटीएम से पैसों की निकासी नहीं हो पाई. हड़ताल के कारण बाजार में पहले दिन 50 फीसदी तक कारोबार प्रभावित रहा. बाजार में रंगत नहीं के बराबर रही. एक ओर जहां ग्राहक खरीदारी नहीं कर सके, वहीं कारोबारी भी परेशान रहे.
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