भागलपुर से दूर रह कर भी बेचैन हैं अधिकारी
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तबादले के बाद दूसरे शहरों में नौकरी कर रहे बैंक अधिकारी भी सीबीआइ की रडार पर
भागलपुर से दूर रह कर भी बेचैन हैं अधिकारी भागलपुर : सृजन घोटाले में कई बैंक अधिकारियों के शामिल होने की बात भी सामने आयी है. इनमें कई अधिकारी ऐसे हैं जो भागलपुर से तबादले के बाद दूसरे शहरों में नौकरी कर रहे हैं. सीबीआइ उन्हें अब कभी भी बुलाकर पूछताछ कर सकती है. सूत्रों […]
भागलपुर : सृजन घोटाले में कई बैंक अधिकारियों के शामिल होने की बात भी सामने आयी है. इनमें कई अधिकारी ऐसे हैं जो भागलपुर से तबादले के बाद दूसरे शहरों में नौकरी कर रहे हैं. सीबीआइ उन्हें अब कभी भी बुलाकर पूछताछ कर सकती है. सूत्रों के अनुसार सीबीआइ ने प्रमुख अधिकारियों के लिए प्रश्नावली तैयार कर ली है. केवल उन्हें तलब करने की देर है. पूछताछ के दौरान सीधे घोटाले से जुड़े मामलों में जवाब मांगा जायेगा. आरोपित बैंकों में इंडियन बैंक व बैंक ऑफ बड़ौदा है. सूत्रों की मानें, तो आरोपितों की सूची में अब बैंक ऑफ इंडिया का भी नाम सामने आया है. यहां सृजन के खाते से हाइ लेवल ट्रांजेक्शन हुए हैं. इनके प्रमुख वैसे अधिकारियों से पूछताछ की जा सकती है, तो वर्तमान में दूसरे शहरों में पदस्थापित है. सूत्रों के अनुसार प्रमुख अधिकारियों की सूची तैयार हो चुकी है.
इसमें बैंक ऑफ बड़ौदा के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर नैयर आलम, तत्कालीन मैनेजर शंकर प्रसाद दास, बैंक ऑफ इंडिया के तत्कालीन जोनल मैनेजर ज्ञानेश्वर प्रसाद, सबौर बीओआइ के तत्कालीन मैनेजर ज्ञानेंद्र कुमार, तत्कालीन चीफ मैनेजर दिलीप ठाकुर सहित इंडियन बैंक के कुछ प्रमुख अधिकारियों के नाम हैं. सीबीआइ की टीम ने यह पता लगा लिया है कि प्रमुख अधिकारी भागलपुर से स्थानांतरण के बाद वर्तमान में किस पोस्ट पर कहां कार्यरत हैं. बीओबी के तत्कालीन मैनेजर नैयर आलम 21 जुलाई 2017 तक भागलपुर में कार्यरत थे
और अभी पूर्णिया में हैं. बीओआइ के तत्कालीन मैनेजर ज्ञानेश्वर प्रसाद साल 2015-16 में भागलपुर में थे और वर्तमान में लखनऊ में हैं. बीओआइ के तत्कालीन चीफ मैनेजर भी साल 2015-16 में भागलपुर में थे और वर्तमान में पटना में पदस्थापित हैं. बैंक ऑफ बड़ौदा के वर्तमान मैनेजर नवीन कुमार साहा भी साल 2008-11 में यहां मैनेजर थे. हालांकि, उन्हें कभी भी पूछताछ के लिए बुला लिया जाता है.
सीबीआइ जल्द शुरू करेगी बैंक ऑफ इंडिया में सृजन खाते के ट्रांजेक्शन रिपोर्ट की जांच. सीबीआइ ने बैंक ऑफ इंडिया के सबौर व खलीफाबाग में सृजन के खाते की ट्रांजेक्शन रिपोर्ट पहले ही मंगा ली है. सूत्रों के अनुसार वह अब जल्द ही इसकी जांच शुरू कर सकती है. जांच के लिए सीबीआइ की टीम बैंक ऑफ इंडिया के सबौर और खलीफाबाग शाखा में बारी-बारी से जा सकती है. वहां वह ट्रांजेक्शन रिपोर्ट को खाते से मिलान कर सत्यता की जांच करेंगे. मालूम हो कि सबौर ब्रांच में सृजन के नाम पर खाता (462320110000163) नौ जुलाई 2015 को खुला था. इसके ठीक आठ माह बाद खलीफाबाग ब्रांच में सृजन के नाम का खाता (462520110000333) खुला था. उस समय आचंलिक प्रबंधक ज्ञानेश्वर प्रसाद थे.
कलिंगा सेल्स के लोन व करंट अकाउंट को खंगाल सकती सीबीआइ
सूत्रों के अनुसार सीबीआइ कलिंगा के करंट (462520110000335) और लोन अकाउंट (462561510000027) को खंगाल सकती है और इसके लिए कभी भी बैंक ऑफ इंडिया के खलीफाबाग शाखा जा सकती है. मालूम हो कि बैंक ऑफ इंडिया के खलीफाबाग शाखा के इंटरनल जांच में पता चला है कि सृजन के फिक्सड डिपोजिट पर कलिंगा सेल्स को लगभग 50 लाख की राशि का लोन मिला था. मनोरमा देवी की जिस दिन मौत हुई थी, उस दिन ही बैंक ने आनन-फानन में फिक्सड डिपोजिट तोड़ कर लोन खाते को बंद कर दिया. साल भर पीरियड के फिक्स डिपोजिट की मैच्यूरिटी को जबकि दो माह शेष था. बैंक ने यह कदम आनन-फानन में उठाया था. सृजन के नाम से दो फिक्सड डिपोजिट साल-साल भर के लिए 25-25 लाख रुपये का हुआ था. वहीं एक 10 लाख रुपये का फिक्सड डिपोजिट कलिंगा सेल्स के करंट अकाउंट से सृजन के नाम पर हुआ था.
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