शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न छठ घाटों पर छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्घ्य

लोक आस्था का पर्व चैती छठ पूजा को लेकर शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के नदी, तालाब व पोखरों पर सज सजावट के साथ लाइटिंग से सभी छठ घाट को पूजा समिति द्वारा तैयार कर दिया गया है.

By SATISH KUMAR | April 3, 2025 9:38 PM

बगहा. लोक आस्था का पर्व चैती छठ पूजा को लेकर शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के नदी, तालाब व पोखरों पर सज सजावट के साथ लाइटिंग से सभी छठ घाट को पूजा समिति द्वारा तैयार कर दिया गया है. जहां गुरुवार को छठ व्रती अस्ताचलगामी (डूबते) सूर्य को अर्घ्य दिया. बता दें कि चैती छठ पूजा को लेकर पूजा समिति द्वारा घाट को बेहतर से बेहतर व आकर्षक रूप देने की सुबह से होड़ लगी रही. ताकि तैयारियों में कोई कमी नहीं रह जाए. जैसे छठ घाटों पर तोरण द्वारा, सुगम पहुंच पथ मार्ग से लेकर साज-सज्जा के लिए बेहतरीन रोशनी, पंडाल, टावर आदि की व्यवस्था की गयी है. गौरतलब हो कि नगर के वार्ड नंबर 16 पारस नगर छठ घाट, गोड़िया पट्टी घाट, रामधाम मंदिर घाट, दीनदयाल नगर घाट, रत्नमाला घाट, शास्त्री नगर घाट, कैलाश नगर घाट समेत गंडक नदी, नहर, पोखर, व तालाबों के तट पर छठ व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया. पूजा सामग्री व फल दुकानों पर रही भीड़ छठ पूजा को लेकर शहर से ग्रामीण हाट बाजारों में सुबह से अर्घ्य पूजा सामग्री एवं फल दुकानों पर खरीदारी को लेकर भीड़ उमड़ी रही. लोग अपनी आवश्यकता अनुसार खरीदारी करते देखे गए. वही शहर बाजारों में चहल पहल का माहौल बना रहा. सुरक्षा व्यवस्था की चौकस रही व्यवस्था प्रशासनिक स्तर पर विधि व्यवस्था के मद्देनजर देखते हुए शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के चौक चौराहे, बाजार हाटों में पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस कर्मियों की चौकस व्यवस्था बनी रही. साथ ही छठ घाटों पर दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस बलों की तैनाती बनी रही. वही थानाध्यक्ष समेत अन्य पुलिस पदाधिकारी विधि व्यवस्था का लगातार मॉनिटरिंग करते रहे. ताकि छठ पूजा को स्वच्छ वातावरण एवं शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराया जा सके. मौके पर पार्षद प्रतिनिधि डॉ. राजू सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता मुन्ना सिंह, शैलेश कुमार दुबे आदि मौजूद रहे. हरनाटांड़ प्रतिनिधि के अनुसार लोक आस्था और सूर्य उपासना के पर्व चैती छठ के तीसरे दिन गुरुवार को पहला अर्घ्य दिया गया. शाम के समय डूबते भगवान सूर्य को नदियों के किनारे जल चढ़ाया गया. विभिन्न नदी, नहर व तालाब के तट से लेकर विभिन्न जलाशयों के किनारे सैकड़ों छठ व्रतियों ने अस्त होने वाले भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया और पूजा-अर्चना की. चार दिनों तक चलने वाले इस अनुष्ठान के अंतिम दिन शुक्रवार को व्रती सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे. इसके साथ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास खत्म हो जाएगा और वे पारण करेंगे. पं. अंकित उपाध्याय ने बताया कि लोक आस्था का पर्व छठ कृषि से जुड़ा है. चैत मास में यह पर्व तब मनाया जाता है जब नई फसलें कट कर किसानों के घर आ जाती है. अनाज से घर भरने को किसान सूर्य देव की कृपा मानते हैं. अन्न-धन से जब घर भर जाते हैं तो किसान परिवार सूर्य भगवान व उनकी बहन छठी मैया का आभार प्रकट करने को छठ पर्व मनाते हैं. छठी मैया ब्रह्मा की मानस पुत्री और षष्ठी तिथि की स्वामिनी हैं. भगवान सूर्य की बहन होने के नाते षष्ठी तिथि को छठी मैया के साथ सूर्य देव की भी पूजा-अर्चना की जाती है. रामनगर प्रतिनिधि के अनुसार लोक आस्था का महापर्व चैती छठ गुरुवार को अस्ताचलगामी सूर्य के अर्घ्य के साथ पूरे हर्षोल्लास से पूरे नगर और ग्रामीण क्षेत्र में किया गया. इसको लेकर बड़ी संख्या में छठ व्रतियों ने उपवास किया. इस अवसर पर नगर के मुख्य घाट पर रात भर भजन कीर्तन हुआ. कलाकारों के भजन कीर्तन और साज सज्जा से घाट की सुंदरता निखर गयी. सूर्यास्त के काफी पूर्व से ही दउरा लेकर व्रतियों के परिजन घाट पर पहुंचने लगे. फिर सूर्यास्त के निर्धारित समय के पहले सभी व्रती रामरेखा नदी में खड़े हो गये. जैसे ही समय पूरा हुआ सभी एक साथ अर्घ्य देने में जुट गए. वही घाट की सुरक्षा को लेकर थानाध्यक्ष ललन कुमार, ईओ मुकेश कुमार, बीडीओ अजीत कुमार, सभापति प्रतिनिधि नागेंद्र साह, उपसभापति प्रतिनिधि सुजल सिंह, पूजा समिति के संरक्षक पिंटू सिंह, महामंत्री गिफ्फी सिंह, पार्षद राकेश कुमार सिंह, उद्घोषक विजय गुप्ता आदि मौजूद रहे.

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