तस्वीर-रैली निकालते साक्षरताकर्मी तस्वीर-5साहेबपुरकमाल. संविधान में महिला और पुरुष को सामान अधिकार तो मिल गया, परंतु समाज में आज भी महिला और पुरुष के बीच असामनता का भाव कायम है. इसी वजह से महिला समाज की मुख्य धारा से नहीं जुड़ पा रही हैं. जरूरत है महिला को संगठित होकर रूढि़वादी सामाजिक सोच के विरुद्ध संघर्ष करने की. उक्त बातें प्रखंड विकास पदाधिकारी आनंद प्रकाश ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रखंड लोक शिक्षा समिति द्वारा आयोजित समारोह का उद्घाटन करते हुए कहीं. प्रखंड मुख्यालय में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण तभी संभव हो पायेगा, जब उसे शिक्षा का पूर्ण अधिकार के साथ-साथ आर्थिक स्वतंत्रता मिले. क्योंकि, शिक्षित और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर महिला को स्वयं निर्णय लेने की ताकत आयेगी और तब वह महिला के साथ किसी भी प्रकार का जुल्म का भी प्रतिकार कर सकेगी. बीडीओ ने कहा कि महिलाओं को उपेक्षित भाव से देखने का ही परिणाम है कि पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की संख्या लगातार कम होती जा रही है. समारोह का संचालन रणवीर कुमार रमण ने किया, जबकि केआरपी अजय कुमार, उपप्रमुख वीरेंद्र यादव, पंसस ललिता,आशा कुमारी ने भी विचार व्यक्त किये. इससे पूर्व साक्षरताकर्मियों ने एक रैली भी निकाली, जिसे प्रखंड विकास पदाधिकारी आनंद प्रकाश तथा उपप्रमुख वीरेंद्र यादव ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखा कर रवाना किया. इस अवसर पर कला जत्था के कलाकारों ने भी गीत और नाटक के माध्यम से महिला सशक्तीकरण पर बल दिया.
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रूढि़वादी सामाजिक सोच के विरुद्ध संघर्ष करने की जरूरत
तस्वीर-रैली निकालते साक्षरताकर्मी तस्वीर-5साहेबपुरकमाल. संविधान में महिला और पुरुष को सामान अधिकार तो मिल गया, परंतु समाज में आज भी महिला और पुरुष के बीच असामनता का भाव कायम है. इसी वजह से महिला समाज की मुख्य धारा से नहीं जुड़ पा रही हैं. जरूरत है महिला को संगठित होकर रूढि़वादी सामाजिक सोच के विरुद्ध […]
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