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31 मई तक खराब चापाकल को ठीक करने का अल्टीमेटम, कार्यपालक अभियंता के वेतन पर रोक

प्रमंडलीय आयुक्त की समीक्षा बैठक में बांका जिले में बंद पड़े चापाकल को लेकर आयुक्त काफी गंभीर दिखें और पीएचइडी के अधीक्षण अभियंता को हर हाल में आगामी 31 मई तक खराब पड़े सभी चापाकलों को ठीक कराने का सख्त निर्देश दिया है.

बांका.जिले भर में भीषण गर्मी के बीच पेयजल की किल्लत देखी जा रही है. विभिन्न प्रखंडों में भू-जल स्तर नीचे चले जाने के कारण चापाकल से पानी निकलना बंद हो गया है तो कई जगहों पर पूर्व से ही चापाकल खराब पड़े हुये है. वहीं कई प्रखंडों नल-जल योजना की भी स्थिति भी दयनीय बनी हुई है. अधिकतर जगहों पर योजना की समरसेबुल खराब व हर घर कनेक्शन नहीं मिलने की शिकायत सामने आ रही है. हालांकि प्रशासनिक स्तर पर जिला प्रशासन द्वारा पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास जारी है. गत 11 मई को प्रमंडलीय आयुक्त की समीक्षा बैठक में बांका जिले में बंद पड़े चापाकल को लेकर आयुक्त काफी गंभीर दिखें और पीएचइडी के अधीक्षण अभियंता को हर हाल में आगामी 31 मई तक खराब पड़े सभी चापाकलों को ठीक कराने का सख्त निर्देश दिया है.

आयुक्त को प्राप्त रिपोर्ट में 1212 चापाकल हैं खराब

पीएचइडी विभाग- चापाकल की संख्या चालू चापाकल बंद चापाकलबांका प्रमंडल 10392 9249 1143बाराहाट प्रमंडल 8740 8671 69

आयुक्त की समीक्षा बैठक में निरुत्तर दिखें अधीक्षण अभियंता

आयुक्त की समीक्षा बैठक में पाया गया कि बाराहाट प्रखंड के 12 वार्डो में अब तक पीएचइडी द्वारा नल-जल योजना कार्य नहीं किया गया है. साथ ही चापाकल ठीक कराने के मामले में लापरवाही पायी गयी. पूछने पर विभाग के अधीक्षण अभियंता का जबाव असंतोषजनक पाया गया. जिसके बाद आयुक्त ने त्वरित संज्ञान लेते हुये अधीक्षण अभियंता सहित जिले के बांका व बाराहाट के कार्यपालक अभियंता के वेतन को अगले आदेश तक बंद कर दिया व डीएम को अपने स्तर से मामले की जांच करने का निर्देश दिया.

युद्ध स्तर पर जिला प्रशासन कर रही है कार्य

जिले में पेयजल की किल्लत को दूर करने के लिए वरीय पदाधिकारियों की एक टीम के द्वारा विभिन्न प्रखंडों का सघन जांच कराया गया. जिसकी समीक्षा स्वयं डीएम ने की थी. वहीं खराब पड़े चापकल को ठीक करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है. पांच सदस्यीय दो अलग-अलग टीमें प्रतिदिन खराब पड़े चापकल को ठीक करने में लगाये गये है. साथ ही जलापूर्ति योजना में मिल रही शिकायतों पर भी शीध्र कार्रवाई की जा रही है. नल-जल व चापाकल मरम्मति कार्य की मोनेटरिंग प्रतिदिन डीएम स्वयं वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए कर रहे है. साथ ही इसके लिए जिला नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है.

कहते है डीएमडीएम अंशुल कुमार ने कहा है कि जिले में पेयजल समस्या को दूर करने के लिए विभिन्न स्तरों पर कार्य किया जा रहा है. हर परिवार को एक सौ मीटर के अंदर पेयजल मुहैया कराने का सख्त निर्देश दिया गया है. जिले को 225 नया चापाकल प्राप्त हुआ है, जिसे प्राथमिकता के आधार पर लगाया जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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