कटोरिया : शराबबंदी से पहले तक जहां शराब के लिए शराबियों की कतार लगती थी, वहीं अब सुबह-शाम दूध के लिए लंबी कतार लगने लगी है. कटोरिया बाजार का जो परिवार पिछले 70 साल से लाइसेंसी शराब के कारोबार से जुड़ा था, उसने अब दुग्ध उत्पादन का कारोबार शुरू कर पूर्ण शराब बंदी का समर्थन किया है. समग्र गव्य विकास योजना के तहत इन्हें 50 प्रतिशत अनुदानित मूल्य पर दुधारू पशु भी उपलब्ध कराये गये हैं. शराब व्यवसाय से जुड़े परिवार के सदस्य अतुलेश भगत उर्फ मुन्ना भगत पिछले कई वर्षों से लाइसेंसी अर्पित बियर बार चला रहे थे.
लेकिन गत एक अप्रैल 2016 से राज्य में लागू शराब बंदी के बाद से इनका शराब का कारोबार बंद हो गया. इसके बाद इस परिवार ने शराब की जगह दूध का करोबार शुरू किया. समग्र गव्य विकास योजना 2015-16 के तहत अतुलेश भगत उर्फ मुन्ना भगत ने स्वलागत पर मुर्रा नस्ल की पांच भैंस खरीद कर डेयरी फार्म की स्थापना की. इस डेयरी यूनिट की लागत तीन लाख 26 हजार है. इसमें गव्य विकास विभाग द्वारा इन्हें पचास प्रतिशत का लाभ भी मिलेगा.