बांका : बांका के मंडल कारा में बंद विचाराधीन बंदियों की प्रतिभा को निखारा जायेगा. इसके लिए बंदियों को शारीरिक व नैतिक शिक्षा का ज्ञान दिया जायेगा. सजा काट कर जेल से निकलने के बाद समाज में एक अच्छे व्यक्तित्व के रूप में उसकी पहचान हो. साथ ही समाज में उसकी प्रतिभा का भी सम्मान हो और वे आगे की जिंदगी सम्मानपूर्वक व्यतीत कर सकें.
यह बातें मंडल कारा के नये अधीक्षक ललित कुमार सिंह ने प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों से कही. उन्होने कहा कि शिक्षा व कला की मुख्य धारा से जोड़ने के साथ ही बंदियों को नशा उन्मूलन की दिशा में भी जागरूक किया जायेगा. इसके लिए जेल में इग्नू की पढ़ाई, कंप्यूटर शिक्षा, साक्षरता की पढ़ाई, जिम एवं पुस्तकालय की व्यवस्था की गयी है.
इसके अलावे यहां योगा एवं विभिन्न तरह की प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जायेगा. साथ ही उन्होने क हा कि बंदियों का चरित्र परिवर्तन हो हमारी पहली प्राथमिकता होगी. किसी भी कारण वश अपराध या आपराधिक घटनाओं की वजह से सलाखों के पीछे कैद बंदी एक नया मुकाम हासिल करने के साथ ही समाज में बंदी होने के बदनुमा दाग को मिटा सकें.
इसके लिए बंदियों को मानसिक व शारीरिक तौर पर सबल बनाया जायेगा. जो समाज के लिए एक नया संदेश बन कर सबके सामने आयेगा. जेल में बंद बंदियों के लेखनी को भी प्रोत्साहित करते हुए उसके विचारों को कलमबद्ध कर पुस्तक के माध्यम से समाज के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा.
आये दिन खतरनाक बंदियों नक्सलियों को सुरक्षा के घेरे में रखने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके लिए विभागीय स्तर से उच्चधिकारियों को यहां सेल की व्यवस्था दिये जाने की बात कह दी गयी है.
इस मौके पर जेलर कृपा शंकर पांडे ने कहा कि यहां प्रत्येक रविवार को संगीत की शिक्षा बंदियों को दी जाती है. साथ ही उन्हें जितनी जेल मेन्यूल में लिखित सुविधा दी जानी चाहिए बंदियों को दी जाती है.