बांका सहकारिता से टीम को मिली संतुष्टि, जल्द प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिलने की संभावनाएं
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आइसीडीपी प्रोजेक्ट की स्वीकृति के लिए टीम ने किया मूल्यांकन
बांका सहकारिता से टीम को मिली संतुष्टि, जल्द प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिलने की संभावनाएं राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम भारत सरकार की टीम मंगलवार को पैक्स अध्यक्ष के साथ बैठक कर डीएम से करेगी भेंट बांका : राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम भारत सरकार की टीम आइसीडीपी योजना स्वीकृति से पहले गुरुवार को जिला का दौरा […]
राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम भारत सरकार की टीम मंगलवार को पैक्स अध्यक्ष के साथ बैठक कर डीएम से करेगी भेंट
बांका : राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम भारत सरकार की टीम आइसीडीपी योजना स्वीकृति से पहले गुरुवार को जिला का दौरा किया. क्षेत्रीय निदेशक पीके मिश्रा के नेतृत्व में उप निदेशक विकास उपाध्याय, पल्लवी व सविता सचदेवा ने मुख्य रुप से कटोरिया स्थित हैंडलूम, फतेहपुर पैक्स व सिझुआ में डेयरी फर्म का निरीक्षण किया. टीम के साथ डीसीओ संजय कुमार मंडल व प्रभारी डीसीओ प्रेम कुमार मिश्रा थे.
टीम ने मुख्य रुप से उत्पादन, संग्रह केंद्र व बिक्री की विस्तृत जानकारी लेते हुए रख-रखाव का बारीकि से अध्ययन किया. टीम शुक्रवार को जिले के पैक्स अध्यक्ष के साथ बैठक करेंगे. इसके बाद डीएम से मिलकर मूल्यांकन रिपोर्ट पर चर्चा करेंगे. आइसीडीपी योजना के तहत जिला को चयनित करने से पहले टीम हर बिंदू पर मूल्यांकन कर रिपोर्ट केन्द्र सरकार को सुपुर्द करेगी. मूल्यांकन के आधार पर अंतिम स्वीकृति दी जायेगी. इसके बाद आवंटन देकर आइसीडीपी योजना की शुरुआत कर दी जायेगी. जानकारी के मुताबिक अबतक निरीक्षण से टीम मोटा-मोटी संतुष्ट है. शनिवार तक मूल्यांकन का कार्यक्रम चलेगा.
जानकारी के मुताबिक आइसीडीपी योजना के तहत पैक्स सुदृढ़ीकरण कर सहकारिता से किसान को लाभांवित किया जायेगा. बताया गया कि पैक्स में गोदाम निर्माण के साथ राईस मिल की स्थापना की जायेगी. डेयरी, हैंडलूम, सब्जी उत्पादन, मत्स्य पालन सहित अन्य स्वरोजगार स्थापना के लिए आइसीडीपी प्रमुख भूमिका निभायेगी.
पांच पैक्सों में खुलेंगे चुरा मिल : जिले में राईस मिल, गोदाम निर्माण व स्वरोजगार के लिए तहर-तरह के उद्योग लगाने के साथ ही आइसीडीपी के तहत पैक्सों में चुरा मिल भी स्थापित किया जायेगा. टीम लीडर के मुताबिक प्रथम चरण में पांच चुरा मिल स्थापित करने की संभावना बन रही है. चूरा मिल खुलने से लोगों को कम कीमत पर बेहतर किस्म का चुरा आसानी से मुहैया करा दिया जायेगा. साथ ही इसकी मार्केटिंग की भी प्रबल संभावनाएं हैं. एक चुरा मिल स्थापित करने में करीब 15 से 20 लाख का खर्च अनुमानित है. बताया गया कि आइसीडीपी के तहत कई तरह के प्रोग्राम हैं. स्वीकृत होने के बाद इसकी शुरुआत कर दी जायेगी.
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