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बरही के रास्ते शहर में आ रहे देशी विदेशी शराब व नशीले पदार्थ
औरंगाबाद ग्रामीण : राज्य में पांच अप्रैल से पूर्ण शराबबंदी व नयी उत्पाद नीति लागू होने के बाद नशीले पदार्थों की तस्करी चोरी छिपे धड़ल्ले से हो रही है. आये दिन औरंगाबाद जिले में शराब के साथ कारोबारी पकड़े जा रहे हैं. अब तक सैकड़ों शराबी व दो दर्जन ऊपर कारोबारी पुलिस के हत्थे चढ़ […]
औरंगाबाद ग्रामीण : राज्य में पांच अप्रैल से पूर्ण शराबबंदी व नयी उत्पाद नीति लागू होने के बाद नशीले पदार्थों की तस्करी चोरी छिपे धड़ल्ले से हो रही है. आये दिन औरंगाबाद जिले में शराब के साथ कारोबारी पकड़े जा रहे हैं. अब तक सैकड़ों शराबी व दो दर्जन ऊपर कारोबारी पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं.
विभिन्न थानों की पुलिस के साथ उत्पाद विभाग ने हजारों लीटर शराब व पांच क्विंटल से अधिक गांजा बरामद कर चुकी है. नयी शराब नीति को पूरी तरह लागू करने के लिए प्रशासन तत्परता से काम कर रही है. बावजूद तस्करी के माध्यम से गांजा व शराब की खेप औरंगाबाद के विभिन्न रास्तों से दूसरी जगह पहुंचायी जा रही है. एनएच 139 पर एरका के पास चेक पोस्ट व इस रास्ते में कई थाने होने के कारण तस्कर अब दूसरे रास्ते का उपयोग कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार, झारखंड से बरही के रास्ते व छत्तीसगढ़ से नवीनगर व बारुण के रास्ते नशीले पदार्थों की खेप भेजी जा रही है.
इस कारोबार में औरंगाबाद के साथ रोहतास, कैमूर, बक्सर, आरा, अरवल, पटना व अन्य जिलो के कारोबारी शामिल हैं. खासकर रोहतास व कैमूर के कारोबारी अधिक सक्रिय है. एक माह पूर्व 18 जून को एरका चेक पोस्ट पर अंबिकापुर से सासाराम जा रही एक यात्री बस से उत्पाद पुलिस ने 57 किलो गांजा व शराब की 23 बोतलों के साथ भोजपुर जिले के गड़हनी गांव निवासी मोहम्मद हदीश व इसकी पत्नी को गिरफ्तार किया गया था. मोहम्मद हदीश ने पुलिस को बताया कि वह एक बार पहले भी तस्करी के माध्यम से गांजे की खेप तय जगह पर पहुंचा चुका था. जुलाई माह में ही मदनपुर थाना क्षेत्र में गांजा के साथ दो कारोबारी पकड़े गये थे. दाउदनगर में भी तीन गांजा तस्कर भारी मात्रा में गांजा के साथ पकड़े गये थे. इसके अलावा अन्य थाना क्षेत्र में भी शराब व गांजे पकड़े गये हैं.
शराब पीने व लाने के लिए हरिहरगंज जाते हैं लोग
शराब के शौकिनों ने अब अपना रास्ता ही बदल दिया है. पहले औरंगाबाद जिले के लोग कुटुंबा के रास्ते झारखंड के हरिहरगंज में शराब पीने के लिए जाते थे और फिर शराब पीकर व साथ में लेकर लौट जा रहे थे. लेकिन, पुलिस की दबिश ने उन्हें रास्ता बदलने के लिए मजबूर कर दिया. कई लोग औरंगाबाद नगर पुलिस के हत्थे चढ़े, तो कई मुफस्सिल, अंबा, टंडवा, नवीनगर, खैरा व बारुण पुलिस के. एनएच-139 शराब के शौकिनों व कारोबारियों के लिए जबकब्रगाह साबित होने लगा तो, लोगों ने अब बरही के रास्ते झारखंड से आना-जाना चुना. सूत्र बताते हैं कि झारखंड से रात में आनेवाली बसों से शराब धड़ल्ले से लायी जा रही है. यही नहीं, बिहार में घुसते ही वाहनों के नंबर भी बदल जाते हैं. ऐसा मामला अब तक दो बार सामने आया है.
दाउदनगर में गांजा बरामद के दौरान नंबर प्लेट बदलने का मामला सामने आया था. अब दूसरा मामला 27 जुलाई यानी बुधवार को बारुण से बरामद गांजा की खेप में सामने आया है. उत्पाद पुलिस ने जो होंडा सिटी कार गांजे के साथ बरामद की है, उसके नंबर प्लेट पर एक तरफ ओडिशा का तो दूसरी तरफ दिल्ली का नंबर अंकित है.
बिहार में घुसते ही तस्कर अपने वाहन का नंबर दिल्ली या दूसरे राज्य का लगा देते हैं. झारखंड नंबर से उन्हें परेशानी होती है. इधर, उत्पाद अधीक्षक सुनील कुमार ने कहा कि सारे रास्ते पर उत्पाद पुलिस चौकसी बरत रही है. तस्करों व कारोबारियों को पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है.
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