औरंगाबाद (नगर) : जिला मुख्यालय में फुटपाथी दुकानदारों का मनोबल इतना बढ़ गया है कि वे अधिकारियों की बात नहीं मान रहे हैं. तीन दिन पूर्व सदर एसडीओ सुरेंद्र प्रसाद ने शहर की सड़क पर उतर कर अतिक्रमण हटवाया.
साथ ही दुकानदारों काे निर्देश दिया था कि दुकान सड़क से तीन फुट हट कर लगायें, ताकि न आप लोगों को कोई परेशानी न ही आम लोगों की. लेकिन, इसका असर तभी तक देखने को मिला जब तक एसडीओ सड़क पर थे. यही नहीं एसडीओ ने शहर में लगीं मुरगा-मिट की दुकानों को अदरी नदी के किनारे ले जाने का निर्देश दिया था. लेकिन, इसका अनुपालन नहीं हो सका. जैसे ही एसडीओ निर्देश देकर अपने कार्यालय में गये, वैसे ही फुटपाथी दुकानदार फिर से अपनी दुकान सड़क पर लगा दिये.
फुटपाथी दुकानदारों के कब्जे में शहर की सड़कें : फुटपाथी दुकानदारों को हटाने के लिए पूर्व से ही प्रशासन प्रयास में लगी है. लेकिन, यहां प्रशासन की कोई सुनता ही नही. पूरे शहर की सड़क फुटपाथी दुकानदारों के कब्जे में है. फुटपाथी जैसे चाहेंगे वैसे ही करेंगे. फुटपाथियों के पर प्रशासन द्वारा कई बार कार्रवाई भी की गयी. लेकिन, कहीं से कोई असर नहीं दिखा.
ज्यादा कार्रवाई करने पर फुटपाथी दुकानदार आक्रोशित होकर जिला प्रशासन के विरुद्ध मुर्दाबाद के नार भी लगा कर शहर में प्रदर्शन करते हैं. जरूरत के अनुसार समाहरणालय का घेराव कर प्रशासन का पुतला भी फूंक डालते हैं. सदर एसडीओ सुरेन्द्र प्रसाद जब औरंगाबाद में आये थे तो उन्होंने अतिक्रमणमुक्त कराने के लिए कई रूट चार्ट तैयार कर दिशा-निर्देश दिया था. कुछ दिनों तक अतिक्रमण हटाओेे अभियान भी चलाया गया था.
लेकिन, प्रशासन के सुस्त होते ही फुटपाथियों का अतिक्रमण सड़क पर हो गया. फुटपाथी भी इस बात को जान गये हैं कि कोई भी प्रशासन एक से दो दिन अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाकर सिर्फ अपना कोरम पूरा करते हैं. यही कारण है कि एक तरफ अतिक्रमण हटता तो ठीक उसके बाद ही दुकानें लगा दी जाती हैं.