कुटुंबा औरंगाबाद : अधिकारियों के लिए 40 वर्ष से कामधेनु साबित हो रही उत्तर कोयल मुख्य नहर खुद पानी के लिए तरस रही है. हालात यह है कि यह नहर सिर्फ देखने के लिए ही है. किसानों को इससे न बिचड़ा गिराने में सहयोग मिलता है आर न ही गेहूं की सिंचाई हो पाती है.
अभी इसका जीता–जागता उदाहरण सामने दिख रहा है. धान का बिचड़ा गिराये 40-45 दिन बीत गया है. अब धान रोपने के लिए 15-20 दिन शेष रहे गये हैं और कोयल नहर खुद पानी के लिए तरस रही है. इसके जीर्णोद्धार की राशि अधिकारियों की भेंट चढ़ चुका है.