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Bihar Assembly Election 2020 : बड़ाहरा में महागठबंधन के घटक दल राजद को सीट बचाने की चुनौती

Bihar Assembly Election 2020 : बड़हरा विधानसभा सीट पर इस बार के चुनाव में दिलचस्प मुकाबला होने की संभावना दिख रही है.

मिथिलेश कुमार, आरा : बखोरापुरपुर स्थित मां काली की मंदिर और गुंडी स्थित दक्षिण भारत के तिरुपति बालाजी के तर्ज पर प्रसिद्धि प्राप्त मंदिर बड़हरा क्षेत्र की पहचान है. वहीं, इस क्षेत्र की पहचान सोन नदी और गंगा नदी के साथ-साथ गंडक के संगम स्थल भी बन गयी है.इसके साथ साथ जब हम बड़ाहरा विधानसभा क्षेत्र की बनावट की बात करते हैं तो उसके उत्तर दिशा में गंगा नदी और इसके पूरब दिशा में सोन नदी तथा इसके दक्षिण दिशा में गांगी नदी है.

यही कारण है कि बड़हरा विधानसभा क्षेत्र के लोग प्रत्येक वर्ष गंगा के कटाव और बाढ़ का डंस झेलने को विवश हैं. बड़हरा विधानसभा सीट पर इस बार के चुनाव में दिलचस्प मुकाबला होने की संभावना दिख रही है. इस सीट पर एक ओर महागठबंधन के घटक दल राजद को अपनी सीट बचाने की चुनौती होगी. वहीं, दूसरी ओर एनडीए से भाजपा के प्रत्याशी राघवेंद्र प्रताप सिंह को अपनी परंपरागत सीट पर जीत दर्ज करने की बड़ी चुनौती होगी.

यहां से कुल 10 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे हैं , जिसमें राजद प्रत्याशी सरोज यादव जो कि निवर्तमान विधायक हैं, वहीं भाजपा प्रत्याशी राघवेंद्र प्रताप सिंह इस सीट से पांच बार विधायक रह चुके हैं, जबकि निर्दलीय मैदान में उतरीं प्रत्याशी आशा देवी भी एक बार यहां से विधायक रह चुकी हैं. वहीं, पूर्व विधायक रहीं आशा देवी के निर्दलीय मैदान में कूदने के कारण राजपूत जाति के मतदाताओं में सेंधमारी होने का खतरा भी मंडराने लगा है. यही कारण है कि बड़हरा सीट हॉट सीट बन गयी है.

अभी इस सीट पर राजद का है कब्जा

पिछले विधानसभा चुनाव में पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी आशा देवी राजद प्रत्याशी सरोज कुमार यादव से 13308 मतों के अंतर से चुनाव हार गयी थीं. इस चुनाव में राजद प्रत्याशी को वोट मिले थे . वहीं, भाजपा प्रत्याशी आशा देवी को 51693 मत मिले थे पिछले चुनाव में बड़हरा में कुल मतदाता 285928 हुआ करते थे, जिनमें 146634 वोट पड़े थे.

क्या है जातीय समीकरण

इस क्षेत्र में राजपूत जाति के मतदाताओं की संख्या अधिक है. इसके बाद यादव, निषाद, ब्राह्मण और अनुसूचित जाति के भी मतदाता चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकते हैं.

अब तक कौन कौन जीते

बरहरा से अब तक अंबिका शरण सिंह, महंत महादेवानंद गिरी, रामविलास सिंह, रामजी प्रसाद सिंह, राघवेंद्र प्रताप सिंह , आशा देवी, सरोज यादव विधायक का चुनाव जीते हैं. इनमें सबसे अधिक राघवेंद्र प्रताप सिंह पांच बार और उनके पिता अंबिका शरण सिंह दो बार चुनाव जीते हैं. यही कारण है कि इस सीट को राघवेंद्र प्रताप सिंह का परंपरागत सीट माना जाता है.

Posted by Ashish Jha

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