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जिले में कमजोर पड़ रही है पति-पत्नी के संवेदनशील रश्तिों की डोर

जिले में कमजोर पड़ रही है पति-पत्नी के संवेदनशील रिश्तों की डोरमहिला थाना में दर्जनों मामले हैं अंकितसमाज ने ओढ़ ली है खामोशी की चादर प्रतिनिधि, अररिया पति-पत्नी के संवेदनशील रिश्तों में खटास का आना व मामला थाना तक पहुंचना, निश्चय ही मानवता पर कलंक है. साथ-साथ समाज में इस पवित्र रिश्ते के कमजोर होते […]

जिले में कमजोर पड़ रही है पति-पत्नी के संवेदनशील रिश्तों की डोरमहिला थाना में दर्जनों मामले हैं अंकितसमाज ने ओढ़ ली है खामोशी की चादर प्रतिनिधि, अररिया पति-पत्नी के संवेदनशील रिश्तों में खटास का आना व मामला थाना तक पहुंचना, निश्चय ही मानवता पर कलंक है. साथ-साथ समाज में इस पवित्र रिश्ते के कमजोर होते डोर को दिखाता है. कल तक घर की इज्जत समझी जाने वाली बहू-बेटियां आखिर क्यों आज दहलीज लांघ कर न्याय के लिए कोर्ट व थाना पहुंच रही हैं. हालांकि इसमें अधिकांश मामला आर्थिक व शैक्षणिक रूप से पिछड़े परिवारों से सामने आते हैं. खास कर रोजी-रोटी की तलाश में परदेश कमा रहे लोगों के परिवार घटना के ज्यादा शिकार हो रहे हैं. ऐसे मामलों में खासतौर पर पति का अपनी पत्नी पर बेवजह शक और पति के रिश्तों को लेकर पत्नी के दिमाग में में पनप रहे संदेह को कारक माना जा सकता है. हालांकि पुलिस कानून के दायरे में रह कर कार्रवाई तो करती है. लेकिन इस प्रयास के बाद भी रिश्तों की मिठास कहीं गुम हो जाती है. केस स्टडी- एक अररिया कोर्ट स्टेशन के समीप रहने वाली एक बनिहार (मजदूर) की बेटी की शादी राम किशुन पासवान से वर्षों पूर्व हुई थी. गरीबी व फटेहाली में रह कर भी पति-पत्नी के रिश्तों में मिठास थी. पीड़िता ने दो बच्चों को जन्म भी दिया. लेकिन अज्ञात कारणों से पति ने पीड़िता को बच्चों के साथ घर से बाहर निकाल दिया. पति ने दूसरी शादी रचा ली. इंसाफ पाने पीड़िता ने महिला थाना कांड संख्या 31/15 दर्ज करायी. मानवीय मूल्यों के आधार पर पुलिस ने सुलह कराने का प्रयास किया, तो पति घर छोड़ परदेश चला गया. दो मासूम बच्चों की ममता भी उनके कदमों को नहीं रोक पाये. पीड़िता परेशान है. समाज ने चुप्पी साध रखी है. केस स्टडी- दोनगर थाना क्षेत्र के पेकटोला के मो मोइन ने अपनी बेटी की शादी अपने औकात से ज्यादा खर्च कर करवायी थी. दान-दहेज भी दिया था. सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था. लेकिन पति व ससुराल वालों ने उसे खाना-कपड़ा देना बंद कर दिया. घर से निकलने को मजदूर कर दिया. इन दिनों वह परेशान है. विवश हो कर महिला थाना कांड संख्या 42/15 दर्ज करायी. ससुराल का गांव फरकिया में और मायके में भी लोगों का ताना सुनने को लाचार है. पीड़िता भी मजदूर वर्ग से आती है.केस स्टडी-तीन दो बच्चे की मां को घर का दहलीज लांघ कर महिला थाना कांड संख्या 19/15 दर्ज कराना पड़ा. पति परदेस कमाता है. दो वर्ष से अधिक समय से पति ने रिश्ता मानो तोड़ रखा है. न खाना न कपड़ा और न ही मासूम बच्चों के परवरिश की चिंता उन्हें है. ससुराल के अन्य सदस्य भी प्रताड़ित करते हैं. प्रयास यह कि वह अपने मायके चली जाये. पुलिस द्वारा सुलह कराने का प्रयास आखिर समाज में यह क्या हो रहा है. केस स्टडी-चारपलासी थाना क्षेत्र के कुम्हिया की रहने वाली पीड़िता भी दो बच्चों की मां है. पति व ससुराल वालों ने उसे बच्चों के साथ घर से बाहर निकाल दिया. शारीरिक प्रताड़ना से तंग होकर उसने महिला थाना कांड संख्या 27/15 दर्ज करायी. पुलिस जब कार्रवाई शुरू की, तो पति घर से भाग गया व परदेश में कमा रहा बताया जाता है. समाज खामोश है. सवाल सिर्फ समाज की खामोशी की नहीं, सवाल यह कि मानवीय संवेदनाओं के डोर कमजोर होता जा रहा है.

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