पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज चोट लगने संबंधीं रिपोर्ट का समयबद्ध संकलन करने का आज निर्देश दिया ताकि बिहार में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के खिलाफ अत्याचार की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके और साथ ही इस तरह के मामले में त्वरित जांच सुनिश्चित की जा सके.
प्रमुख सचिव (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति कल्याण) के पी रमैया ने बताया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति :अत्यचार निरोधक: अधिनियम, 1989 और नियम 1995 के तहत राज्यस्तरीय सतर्कता और निगरानी समिति की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अत्याचार के मामलों में समयबद्ध तरीके से चोट लगने संबंधी रिपोर्ट का संकलन करें.
उन्होंने बताया कि चोट लगने के बारे में रिपोर्ट के संकलन को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के खिलाफ अत्याचार को रोकने के लिए जरुरी बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह इस तरह के मामलों की जांच में मदद करता है. कुमार ने वरिष्ठ अधिकारियों से कहा कि वे उन कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरु करें जो समय पर रिपोर्ट दाखिल करने में विफल रहते हैं.
रमैया ने बताया कि मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव ए के सिन्हा को निर्देश दिया कि वे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों पर अत्याचार के मामले में निर्धारित अवधि के भीतर चोट लगने संबंधी रिपोर्ट तैयार करने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करें और डीजीपी और स्वास्थ्य और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण विभागों के प्रधान सचिवों, आईजी (कमजोर तबका) समेत अन्य को इस तरह के मामलों में जांच में प्रगति की निगरानी करने को कहा.मुख्यमंत्री कुमार ने पेंशन और मुआवजे की समीक्षा का भी निर्देश दिया ताकि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निरोधक अधिनियम, 1989 के तहत अत्याचार के पीड़ितों को इस तरह के लाभ का भुगतान समय पर सुनिश्चित किया जा सके.