बाढ़ : कुदरत ने भले ही विकलांग जुड़वा भाई-बहन अभिषेक और आरती के साथ नाइंसाफी की है, लेकिन उनकी प्रतिभा के सब कायल हैं. बिना सरकारी मदद और प्रशिक्षण के अपने दम पर दोनों भाई-बहनों ने पश्चिम बंगाल के आसनसोल में नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित अखिल भारतीय जीवी मावलंकर शूटिंग चैंपियनशिप में नवंबर में पहले गोल्ड मेडल हासिल कर राज्य का नाम रोशन किया है.
अब 11 दिसंबर से नयी दिल्ली में 57 वें नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में एक आंख से बिकलांग आरती ने गोल्ड मेडल जीत कर सभी को हैरान कर दिया. आरती ने 400 में से 392 नंबर ला कर सबको अचंभित कर दिया, जबकि भाई का अभी प्रतियोगिता में भाग लेना बाकी है.
आर्थिक विकलांगता ने रोक रखा था रास्ता
अर्जुन की तरह सधे निशाने का कमाल दिखानेवाले अभिषेक तथा आरती के लिए राह आसान नहीं थी. अनुमंडल पदाधिकारी डॉ निलेश देवरे के प्रयास से एमएलसी देवशचंद्र ठाकुर ने दो लाख 25 हजार रुपये की आर्थिक मदद की तथा कुछ स्थानीय लोग भी आगे आये. दसवीं कक्षा में पढ़नेवाला अभिषेक श्रवण शक्ति से महरूम है जबकि आरती की एक आंख खराब है.
दलसिंहसराय मेले में 57 नेशनल शूटिंग तक का सफर
पिता गजेंद्र गिरि तथा मां ममता देवी ने बताया कि दलसिंहसराय मेले में जब गये थे , तो अभिषेक और आरती की निशानेबाजी देखी थी. इससे अभिभूत होकर उन्होंने कानपुर से शूटिंग राइफल खरीद कर बच्चों को दिया. उससे दोनों को अपनी प्रतिभा निखारने का मौका मिला.
आरती ने दूरभाष पर प्रभात खबर को खास रूप से धन्यवाद दिया और बताया कि उसका निशाना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए पदक लाने का है. अनुमंडल पदाधिकारी निलेश देवरे ने खुशी व्यक्त की.