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29 साल से हो रही वसूली कहां जा रहा पीयू छात्र संघ का पैसा

पटना: पटना विवि में छात्र संघ के नाम पर 29 वर्षों से नामांकन के दौरान स्नातक व पीजी के छात्रों से जो पैसा लिया जा रहा है, उसका न तो विवि के पास कोई रेकॉर्ड है और न ही एकाउंट. छात्र संघ द्वारा जब उक्त राशि का हिसाब-किताब मांगा जाता है, तो टका-सा जवाब मिलता […]

पटना: पटना विवि में छात्र संघ के नाम पर 29 वर्षों से नामांकन के दौरान स्नातक व पीजी के छात्रों से जो पैसा लिया जा रहा है, उसका न तो विवि के पास कोई रेकॉर्ड है और न ही एकाउंट. छात्र संघ द्वारा जब उक्त राशि का हिसाब-किताब मांगा जाता है, तो टका-सा जवाब मिलता है. छात्र संघ नया एकाउंट खोलने की मांग कर रहा है, लेकिन विवि प्रशासन इस पर मौन है. वहीं, पुरानी राशि के बारे में विवि का कोई भी अधिकारी ठीक-ठीक बताने की स्थिति में नहीं है. कुल मिला कर मामला साफ है विवि छात्र संघ को गंभीरता से न पहले ले रही था और अब लेने को तैयार है.

हर बार बहाना : छात्र संघ लगातार पटना विवि से संघ के नाम से एकाउंट खोल कर 29 वर्षो से जमा राशि देने की मांग कर रहा है. छात्र संघ ने इसको लेकर कई बार प्रदर्शन भी किया है. जब भी फंड के बारे में पूछते हैं, विवि द्वारा हमेशा कोई-न-कोई बहाना कर दिया जा रहा है.

एक जगह नहीं हुआ कलेक्शन : पटना विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव 29 वर्षो बाद हुए. इतने दिनों तक छात्र संघ के नाम पर जो राशि ली गयी, उसका कहीं कोई अलग से कलेक्शन नहीं हुआ. यह राशि कितनी है उसका भी कोई आकलन विवि के पास ठीक-ठीक नहीं है. वर्तमान में 18 हजार छात्रों से पैसा कलेक्शन हो रहा है. यह पूरी राशि और उसका ब्याज अगर ठीक से जोड़ा जाये, तो अभी छात्र संघ के एकाउंट में लाखों रुपये होने चाहिए थे. कुछ पैसा छात्र संघ चुनाव पर भी खर्च हुआ था.

कॉलेज भेज देते हैं विवि को राशि : पटना कॉलेज के प्राचार्य प्रो रास बिहारी सिंह कहते हैं, नामांकन के दौरान जो भी राशि कॉलेज को प्राप्त होती है, उसका चालीस प्रतिशत विवि को भेज दिया जाता है. इसी राशि में छात्र संघ की राशि भी रहती है. छात्र संघ चुनाव से पहले भी सभी कॉलेजों से राशि मांगी गयी थी और हमने विवि को राशि जमा करायी थी.

राशि में हो चुकी है बढ़ोतरी : छात्र संघ के नाम पर जो राशि ली जाती है, उसमें कुछ बढ़ोतरी भी की गयी है. पीजी में पहले पांच रुपये लिये जाते थे, जो अब दस रुपये हो गये हैं. स्नातक में भी दो से पांच रुपये करने की बात थी, लेकिन फिलहाल उसे नहीं बढ़ाया गया है.

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