मुजफ्फरपुर : भारत की यूरिया से नेपाल में विस्फोटक बन रहा है. बोर्डर जिलों में आवंटित यूरिया की हर वर्ष तस्करी हो रही है. तस्करी की यूरिया माओवादियों के हाथ लग रही है. यूरिया की आपूर्ति हर वर्ष ऐसे समय में होती है जब जरूरत नहीं होती है. व्यापारी पैसे निकालने के लिए यूरिया बेच देते हैं.
ऐसे यूरिया का प्रयोग विस्फोटक बनाकर भारत विरोधी गतिविधियों में हो रहा है. यह बातें रविवार को लोजपा के प्रदेश महासचिव अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने एक वार्ता के दौरान कही. एलजेपी नेता श्री ओझा के अनुसार, जब यूरिया की खपत नहीं होती है. बोर्डर जिलों से यूरिया सीधे नेपाल में भेज दी जाती है. यहां इस खाद का प्रयोग डेटोनेटर बनाने के लिए किया जाता है.
यूरिया के अधिक आवंटन से बोर्डर जिलों से गलत तरीके से महंगे कीमत पर तस्करी कर दी जाती है. यूरिया की तस्करी देश हित में नहीं है. यूरिया तस्करी में कई अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध हैं. आश्चर्य है कि सरकार भी अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका पर मौन है. उन्होंने दावा किया कि नेपाल का एक पत्रकार दिनेश आर्मी ने पत्र भेजकर माओवादियों द्वारा यूरिया से विस्फोटक बनाने का सनसनीखेज खुलासा किया है. सीमावर्ती क्षेत्रों में बार–बार अधिक यूरिया का आवंटन अधिक देना अधिकारियों की भूमिका को बता रहा है.
सरकार यूरिया किसानों के नाम पर भेजती है. लेकिन, समय पर रैक नहीं लगता है. समय बीत जाने के बाद यूरिया का आवंटन मिलता है. यूरिया का हाहाकार होता है. किसान सड़क पर उतर जाते हैं. जरूरत समाप्त होने पर आंदोलन शांत हो जाता है. फिर तस्करी चालू हो जाती है.