पटना : दशहरा में रावण दहन के दौरान मची भगदड़ के संबंध में जांच रिपोर्ट आ गयी है. इस रिपोर्ट की जानकारी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में देते हुए गृह सचिव आमिर सुबहानी ने बताया कि हादसे की मुख्य वजह केबल वायर में करंट फैलने की अफवाह थी.
गृहमंत्रालय के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने आज यहां संवाददाताओं को बताया, जांच के दौरान हमने इंतजाम में तमाम खामियां पायीं जिसके कारण भगदड़ को नियंत्रित नहीं किया जा सका. हादसे के सभी पहलूओं पर ध्यान देने के बाद हमने पाया कि जिला प्रशासन, जिला पुलिस प्रशासन, पटना नगर निगम परिषद् और यातायात पुलिस इसके लिए जिम्मेदार थे. राज्य सरकार की ओर से गठित दो सदस्यीय टीम में सुभानी के अलावा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) गुप्तेश्वर पांडेय शामिल हैं.
सुबहानी ने बताया कि समारोह के लिए सुनियोजित भीड़ प्रबंधन योजना नहीं थी। घटनास्थल के पास ऊंचाई पर लगी बड़ी लाइट काम नहीं कर रही थी, अतिरिक्त लाइटें नहीं लगायी गयी थीं, तैनात किये गये मजिस्ट्रेटों की संख्या कम थी और कुछ ड्यूटी पर अनुपस्थित थे. गृहमंत्रालय के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने यह भी कहा कि लोगों की गतिविधियों को निर्देशित करने के लिए लाउडस्पीकर नहीं लगाये गये थे और गांधी मैदान से भीड़ को निकालने के लिए यातायात को नहीं रोका गया था.
भगदड के कारणों पर सुभानी ने कहा कि प्रत्यक्षदर्शियों के बयान और जांच के दौरान अन्य तथ्यों से पता चला है कि बाहर निकलने वाले द्वार पर केबल का एक तार गिर गया था और अफवाह फैल गयी कि तार में बिजली की करंट है.
उन्होंने कहा, गांधी मैदान के दक्षिणी दरवाजे से उस वक्त बड़ी संख्या में लोग निकल रहे थे और अफवाह के कारण भगदड़ मच गयी.लोग एक-दूसरे पर गिर गए और कुचल कर मारे गये. गृहमंत्रालय के प्रधान सचिव ने यह भी कहा कि प्रत्यक्षदर्शियों और मृतकों तथा घायलों के रिश्तेदारों ने बताया कि भगदड़ का एक कारण असामाजिक तत्वों द्वारा छेड़खानी और यौन उत्पीड़न का प्रयास भी था.
दशहरे वाले दिन तीन अक्तूबर को रावण वध के बाद लोग गांधी मैदान से बाहर निकल रहे थे उसी दौरान दक्षिणी द्वार पर भगदड़ मच गयी.गौरतलब है कि पटना के गांधी मैदान में मची भगदड़ में 33 लोग मारे गये थे. इस घटना के बाद जांच कमेटी का गठन किया गया था, जिसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. हालांकि गृह सचिव ने यह बताया कि हादसे में आतंकी हमले के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं.