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25000 शिक्षकों को नहीं मिल रहा वेतन

पटना: इस साल जनवरी-फरवरी में कैंपों के जरिये नियुक्त करीब 25 हजार शिक्षकों को अब भी वेतन नहीं मिल पाया है. इनमें से अधिकतर को तो बैंकों में खाता भी नहीं खुला है. कहीं पंचायत के प्रतिनिधि नहीं मिल रहे हैं या फिर जो मिल रहे हैं, वे जानबूझ कर दस्तखत नहीं कर रहे हैं. […]

पटना: इस साल जनवरी-फरवरी में कैंपों के जरिये नियुक्त करीब 25 हजार शिक्षकों को अब भी वेतन नहीं मिल पाया है. इनमें से अधिकतर को तो बैंकों में खाता भी नहीं खुला है. कहीं पंचायत के प्रतिनिधि नहीं मिल रहे हैं या फिर जो मिल रहे हैं, वे जानबूझ कर दस्तखत नहीं कर रहे हैं.

राज्य भर के जिला शिक्षा पदाधिकारियों व जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) की बैठक में यह समस्या लगभग हर जिले से निकल कर सामने आयी. इसके बाद सभी जिलों को 15 जून तक का समय बढ़ा दिया गया है. निर्धारित तिथि तक बैंकों का मास्टर डाटा तैयार कर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (बीइओ) जिलों को और फिर जिले विभाग को दे देंगे. अगर तय समय सीमा पर इन शिक्षकों का वेतन सुनिश्चित नहीं किया जा सका, तो संबंधित प्रखंडों के बीइओ पर कार्रवाई की जायेगी.

गुरुवार से सभी जिलों के डीइओ-डीपीओ (स्थापना) की तीन दिवसीय बैठक बिहार शिक्षा परियोजना में शुरू हुई. बीइपी के परियोजना निदेशक राहुल सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक के बारे में प्राथमिक शिक्षा के संयुक्त निदेशक आरएस सिंह ने बताया कि अधिकतर जिलों में जनवरी-फरवरी में लगे कैंप से पहले बहाल शिक्षकों के वेतन का भुगतान हो गया है. कैंप में जिन अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया गया था, उनके वेतन का भुगतान नहीं हो सका है. इसलिए सभी जिलों को 15 जून तक का समय दिया गया है. अब तक सिर्फ पटना में एक हजार में से आठ सौ का भुगतान हो गया है, जबकि 200 नये शिक्षकों को वेतन नहीं मिल सका है. इसके अलावा मुजफ्फरपुर नगर में पुराने नियोजित शिक्षकों का भुगतान नहीं हुआ है. वहां के नगर के प्रतिनिधि इसको लेकर टालमटोल कर रहे हैं. इस पर मुजफ्फरपुर के डीइओ ने जल्द ही भुगतान करवाने का भरोसा दिलाया. उन्होंने बताया कि अधिकांश जिलों में पुराने नियोजित शिक्षकों को फरवरी-मार्च तक का भुगतान कर दिया गया है, जबकि जिलों को जून तक के वेतन की राशि दे दी जायेगी.

बैठक में स्कूलों में चल रही मिशन गुणवत्ता की भी जानकारी शोध व प्रशिक्षण के निदेशक अखिलेश्वर कुमार पांडेय ने दी. जिलों से आये अधिकारियों ने प्राथमिक शिक्षा के ओएसडी सुनील कुमार को कई योजनाओं में खर्च की गयी राशि का उपयोगिता प्रमाणपत्र दिया.

प्रारंभिक स्कूलों की तरह हाइस्कूल में भी हो अटेंडेंस

शिक्षा विभाग ने हाइस्कूलों में भी प्रारंभिक स्कूलों की तरह बच्चों का अटेंडेंस लेने का निर्देश दिया. विभागीय अधिकारियों ने कहा कि जिलों के निरीक्षण में पता चला है कि हाइस्कूलों के अटेंडेंस में उपस्थित होने पर पी व अनुपस्थित होने पर डॉट का चिह्न् अंकित कर दिया जाता है. ऐसे में हेर-फेर की आशंका रहती है. इसलिए प्रारंभिक स्कूलों में जिस प्रकार जो बच्चे क्लास में मौजूद होते हैं, उनके नाम के आगे एक, दो, तीन, चार. क्रम से हाजिरी ली जाती है, वैसे ही हाइस्कूलों में हो.

विवि शिक्षकों व कर्मियों के वेतन-पेंशन की राशि निर्गत

सूबे के नौ विवि के शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मचारियों के वेतन और सेवानिवृत्त शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मियों की पेंशन की राशि राशि निर्गत कर दी गयी है. पटना विवि : 9,92,77,626 रुपये, मगध विवि : 35,25,76,095 रुपये, बीआरए विवि : 20,45,95,778 रुपये, जयप्रकाश विवि : 8,02,98,719 रुपये, वीर कुंवर सिंह विवि : 9,95,19,810 रुपये, बीएन मंडल विवि : 11,89,09,554 रुपये, तिलका मांझी विवि :19,15,65,479 रुपये, एलएनएम विवि : 20,71,06,922 रुपये व कामेश्वर सिंह संस्कृत विवि : 4,46,63,864 रुपये.

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