पटना: भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुशील मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व लालू प्रसाद कांग्रेस के साथ फ्रेंडली मैच खेल रहे हैं. तीनों पार्टियों का एकमात्र मकसद नरेंद्र मोदी को रोकना है.
किशनगंज के जदयू प्रत्याशी का कांग्रेस के पक्ष में बैठना इसी रणनीति का हिस्सा है. कांग्रेस से सीटों का समझौता करने में नाकाम रहे नीतीश कुमार ने लालू व कांग्रेस से गुपचुप समझौता कर लिया है, ताकि नरेंद्र मोदी विरोधी वोटों का बंटवारा न हो. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी को रोकने के लिए ही जहानाबाद, आरा व पटना साहिब सहित अन्य सीटों पर वोटकटवा उम्मीदवारों को खड़ा किया गया है, ताकि भाजपा उम्मीदवारों को मिलनेवाले वोटों को काटा जा सके. नीतीश कुमार को यह अच्छी तरह मालूम हो गया है कि बिहार में उनका दल शून्य पर आउट होनेवाला है.
चुनावी मैदान में नीतीश कुमार कांग्रेस गंठबंधन को मदद कर अपनी कुंठा का इजहार कर रहे हैं. अल्पसंख्यकों का रहनुमा होने का नीतीश कुमार का भ्रम भी जमशेद अशरफ और परवीन अमानुल्लाह जैसे लोगों के दल छोड़ने से टूट चुका है. साबिर अली ने जब चुनाव लड़ने से इनकार किया, तो उन्हें दल से निकाल दिया.
मोनाजिर हसन का टिकट काट दिया गया. अल्पसंख्यकों का पूरी तरह से नीतीश कुमार से मोहभंग हो चुका है. ऐसे में उन्होंने राजद-कांग्रेस की मदद करने की नयी चाल चली है. जनता को गुमराह कर नरेंद्र मोदी को रोकने की उनकी इस कुत्सित कोशिश को बिहार की जनता कभी सफल नहीं होने देगी.