पुलिस ने तीन तरफ से घेरा, सरगना समेत नौ अपराधी गिरफ्तार
वसूली के लिए बना रखा था चेक पोस्ट
पटना : मनेर के लोदीपुर-ब्यापुर के बीच दियारे में रविवार को अपराधियों व पुलिस के बीच दो घंटे तक मुठभेड़ चली. इस दौरान सरगना समेत नौ अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. उनके पास से पांच राइफल, दो बंदूकें, 224 कारतूस, डेढ़ लाख नकद व मोबाइल फोन बरामद किये गये हैं. इन पांच राइफलों में पुलिस की लूटी गयी दो राइफलें और तीन विदेशी राइफलें हैं.
हालांकि, मुठभेड़ के दौरान गिरोह के पास रही एके-47 राइफल व इनसास पुलिस के हाथ नहीं लग सकी. कुछ अपराधी गंगा नदी से भाग गये और अपने हथियार नदी में डाल दिये. इन हथियारों को खोजने में पुलिस लगी है.
गंगा नदी पर एकछत्र राज : इन अपराधियों का गंगा नदी में एकछत्र राज था और बालू ढोनेवाले नाविकों से ये लोग प्रतिदिन रंगदारी वसूलते थे. किसी ने विरोध किया, तो उसकी हत्या कर देते थे. इसके अलावा यह गिरोह जमीन दखल, फसल लूट, बैंक डकैती, रंगदारी आदि में भी संलिप्त रहा है. पकड़े गये सभी का आपराधिक इतिहास रहा है. गिरोह का सरगना शंकर दयाल सिंह उर्फ फौजी (करमा, बड़हरा, आरा) सेना का भगोड़ा है. उसके खिलाफ बड़हरा थाने में पहले ही कई मामले दर्ज हैं. बताया जाता है कि वह 1991 में सेना से एक एके 47 राइफल लेकर भागा था.
तीन ओर से की घेराबंदी, तब मिली सफलता
एसएसपी मनु महाराज को सूचना मिली कि लोदीपुर-ब्यापुर के दियारा इलाके में हथियारबंद अपराधियों का जमावड़ा है. इसके बाद एसएसपी के नेतृत्व में सिटी एसपी जयंतकांत व एएसपी (अभियान) अनुपम कुमार के साथ मुखलाल पासवान, सुरेंद्र सिंह, सुनील सिंह राणा के साथ सीआरपीएफ के जवानों और मनेर पुलिस शनिवार की रात में ही दियारा इलाके में पहुंची और इलाके की घेराबंदी कर दी. अपराधियों को तीन तरफ से घेरने के लिए तीन टीमें-एक एसएसपी, दूसरी सिटी एसपी और तीसरी एएसपी अभियान के नेतृत्व में बनायी गयीं.
जब अपराधियों को पुलिस के आने की भनक लगी, तो वे एके 47 व इनसास से फायरिंग करने लगे. पुलिस ने पहले उन्हें आत्मसर्मपण करने को कहा, लेकिन नहीं मानने पर पुलिस ने भी मोरचा लेते हुए फायरिंग शुरू कर दी. दो घंटे तक फायरिंग के बाद पुलिस ने नौ अपराधियों को कब्जे में ले लिया.
बरामद हथियार
1. अमेरिका निर्मित थर्टी जीरो सिक्स सेमी ऑटोमेटिक राइफल- दो
2. बेल्जियम निर्मित स्पींड फील्ड माउजर कंपनी की स्नाइपर राइफल- एक
3. थ्री फिफ्टीन बोर की पुलिस राइफल- दो
4. डबल बैरल गन- एक
5. सिंगल बैरल गन- एक
6.224 कारतूस
6. नकद राशि- डेढ़ लाख
7. पुलिस की बिंडोलिया- चार
8. फुलथ्रु- एक
9. एके 47 के कारतूस का चाजर्र- चार
10. मोबाइल- छह
बरामद कारतूस (224 राउंड)
1. थर्टी जीरो सिक्स- 125 राउंड
2. तीन सौ बारह बोर- 27 राउंड
3. एके 47 का- 50 राउंड
4. थ्री फिफ्टीन बोर का- 22 राउंड
पकड़े नहीं जाते, तो चुनाव में करते गड़बड़ी
अगर ये अपराधी नहीं पकड़े जाते, तो लोकसभा चुनाव के दौरान वे किसी घटना को अंजाम देने का प्रयास करते. वे रंगदारी वसूलने के साथ ही पैसा मिलने पर किसी नेता के पक्ष में बूथ लूट को अंजाम दे सकते थे.
रामा सिंह को एके-47 देने की बात
शंकर दयाल सिंह ने पुलिस को बताया कि सेना में 11 साल नौकरी करने के बाद मैं वहां से हथियार लेकर भाग गया और महनार पहुंचा. महनार में मैंने एके- 47 को लोजपा नेता रामा सिंह को सौंप दिया था. पूछताछ में उसने अन्य नेताओं के भी नाम बताये, जिनसे उसके संपर्क थे. जब इस बारे में रामा सिंह से संपर्क करने का प्रयास किया गया, तो उनका फोन बंद मिला.
रोज 500 नाविकों से वसूलते थे डेढ़ लाख की रंगदारी
पुलिस के अनुसार, दियारा इलाके में गिरोह ने अपना एक चेक पोस्ट बना रखा था. इस चेक पोस्ट पर ही गंगा नदी में प्रतिदिन बालू की ढुलाई करनेवाले पांच सौ नाविक से तीन सौ रुपये के हिसाब से डेढ़ लाख रुपये रंगदारी में वसूलते थे. पकड़े गये एक अपराधी ने बताया कि फौजी व नृपेंद्र के नेतृत्व में वे लोग प्रतिदिन रंगदारी वसूलते थे और इसके एवज में उन लोगों को प्रतिदिन डेढ़ हजार रुपये मिलते थे.
गिरफ्तार अपराधियों का आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है. फरार अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. यह गिरोह अपने कुछ हथियारों को गंगा नदी में फेंक दिया है, तलाश की जा रही है.
– मनु महाराज, एसएसपी