बक्सर/पीरो/जहानाबाद. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की नीति व नीयत पर सवाल उठाया और कहा कि जो राजधर्म का पालन नहीं कर सका, वह किसी धर्म का सच्चा अनुयायी नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि भाजपा में अब अटल युग का अंत हो गया और पुराने लोग हासिये पर चले गये. हम मिट्टी में मिल जायेंगे, पर भाजपा के साथ नहीं जायेंगे. वह गुरुवार को बक्सर संसदीय क्षेत्र के धनसोई, आरा संसदीय क्षेत्र के पीरो और जहानाबाद संसदीय क्षेत्र के करपी में सभाओं को संबोधित कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने नरेंद्र मोदी का नाम लिये बगैर कहा कि जिस गुजरात के विकास मॉडल पर वोट मांगा जा रहा है, वह देश के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है. हाइटेक प्रचार तंत्र का सहारा लेकर झूठ का जाल फैलाया जा रहा है. जबकि हकीकत है कि गुजरात के अधिकांश क्षेत्रों के लोगों तक विकास की रोशनी नहीं पहुंची है़ अगर गुजरात मॉडल को पूरे देश में लागू किया गया, तो देश की सारी पूंजी कुछ हाथों में ही केंद्रित हो जायेगी़ जो गुजरात में संतुलन नहीं बना सके, वे देश में क्या खाक संतुलन बनायेंगे? उन्होंने कहा कि वोट के लिए आज पिछड़ा होने का ढोंग रचा जा रहा है, जबकि गुजरात में पिछड़ों की हालत जगजाहिर है़
अटल, आडवाणी, मुरली मनोहर, लालमुनि चौबे, जसवंत सिंह जैसे नेताओं को दरकिनार कर भाजपा नेतृत्व अपने संकुचित सोच और मानसिकता को उजागर किया है़ बक्सर, आरा, काराकाट में बाहरी उम्मीदवारों पर कटाक्ष करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा को यहां के स्थानीय कार्यकर्ताओं पर शायद भरोसा ही नहीं है़ राष्ट्रीय पार्टी होते हुए भी उसने शाहाबाद प्रक्षेत्र में बाहरी लोगों को मैदान में उतारा है. पार्टी को पूरे क्षेत्र में एक भी भोजपुरिया नहीं मिला. 300 किलोमीटर दूर से प्रत्याशी लाकर मैदान में उतारा है.
नीतीश ने सड़क, बिजली, पुल पुलिया, पोशाक एवं साइकिल योजनाओं की चर्चा करते हुए अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनायीं. कहा, आज बिहार विकास के बिहार मॉडल की चर्चा विदेशों में भी हो रही है. पर, जो लोग कुछ दिनों पहले तक बिहार के विकास की चर्चा करते नहीं थकते थे, उन्हें अब बिहार में कहीं भी विकास नजर नहीं आ रहा है़ कुछ लोग हमें अहंकारी कहते हैं, पर मैं अहंकारी नहीं स्वाभिमानी हूं और बिहार एवं बिहारियों के स्वाभिमान की लड़ाई को हमेशा जारी रखूंगा़