पटना: बिहार में विकास के तमाम दावों के बावजूद लोकसभा चुनाव में एक बार फिर जातीय समीकरण ही टिकट बंटवारे का आधार बना है. सभी दलों की मुख्य कसौटी सामाजिक समीकरण रहा. जाति विशेष के वोटरों की संख्या को आधार बना कर दलों ने टिकट बांटे हैं.
टिकट बंटवारे में पिछड़ा, अति पिछड़ा और मुसलिम उम्मीदवारों को तरजीह मिली. सबसे अधिक जदयू गंठबंधन ने छह अति पिछड़े उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि राजद गंठबंधन ने तीन अति पिछड़ों क ो उम्मीदवार बनाया है. भाजपा गंठबंधन ने सबसे अधिक सवर्णो को चुनाव मैदान में उतारा है.
जदयू गंठबंधन ने छह अति पिछड़ों के अलावा सात यादव, छह कुशवाहा, दो वैश्य और 10 सवर्ण को टिकट दिया है, जबकि पांच मुसलिम उम्मीदवार उतारे हैं. पांच मुसलिम में तीन पसमांदा हैं. जबकि महादलित से पांच और दलित वर्ग से एक उम्मीदवार उतारा गया है. अति पिछड़ों में तीन हिंदू और तीन मुसलिम उम्मीदवार हैं. इनमें वैशाली पर विजय साहनी, सुपौल से दिलेश्वर कामत और अररिया से विजय मंडल हैं, जबकि पसमांदा मुसलिम उम्मीदवारों में सारण से सलीम परवेज, मधुबनी से मो गुलाम गौस और शिवहर से साबिर अली को उम्मीदवार बनाया है. जदयू ने कुशवाहा बिरादरी को अच्छी-खासी सीटें दी हैं. छह कुशवाहा उम्मीदवारों में काराकाट से महाबली सिंह, वाल्मीकिनगर से बैद्यनाथ महतो, पूर्णिया से संतोष कुशवाहा, उजियारपुर से अश्वमेघ देवी, बक्सर से श्यामलाल सिंह कुशवाहा और औरंगाबाद से बागी कुमार वर्मा को मौका दिया गया है. वैश्य समुदाय से मुजफ्फरपुर से विजेंद्र चौधरी और क टिहार से राम प्रकाश महतो को उम्मीदवार बनाया गया है. राम प्रकाश महतो वैश्य की उपजाति सूरी से आते हैं. जदयू पांच महादलित उम्मीदवारों में दो रविदास जाति, एक -एक पासी व मुसहर समुदाय से हैं. एक अन्य महादलित केपी रामय्या को सासाराम से उम्मीदवार बनाया गया है. दलित वर्ग में पासवान जाति से समस्तीपुर में महेश्वर हजारी को टिकट दिया गया है. सुरक्षित छह सीटों में जदयू ने पांच पर महादलित उम्मीदवार को उतारा है, एक सीट पर दलित (पासवान) उम्मीदवार दिये हैं.
जदयू गंठबंधन ने सवर्ण तबके के 10 उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है. इनमें नौ जदयू के हैं और एक उम्मीदवार भाकपा ने दिया है. सवर्ण जदयू उम्मीदवारों में भूमिहार जाति से चार, राजपूत दो, कायस्थ से एक और ब्राह्नाण से दो उम्मीदवार बनाये गये हैं. इनमें मुंगेर से राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, जहानाबाद से अनिल शर्मा, महाराजगंज से मनोरंजन सिंह उर्फ धूमल सिंह और पूर्वी चंपारण से अवनीश कुमार सिंह उम्मीदवार हैं. राजपूत उम्मीदवारों में आरा से मीना सिंह और सीवान से मनोज कुमार सिंह, ब्राह्नाण उम्मीदवारों में पश्चिमी चंपारण से प्रकाश झा और दरभंगा से संजय झा और कायस्थ में पटना साहिब से डॉ गोपाल प्रसाद सिन्हा उम्मीदवार बनाये गये हैं. राज्यसभा में जदयू के नौ सांसद हैं.
इनमें चार अति पिछड़े, दो भूमिहार और दो राजपूत, एक महिला और एक कुर्मी जाति से हैं. गौरतलब हैं कि राज्य में लोकसभा की 40 और राज्यसभा की 16 सीटो हैं. गंठबंधन में जदयू ने 38 सीटों और भाकपा ने दो सीटों-बेगूसराय व बांका में उम्मीदवार दिये हैं. राजद गंठबंधन ने उतारे 11 यादव उम्मीदवार कांग्रेस-राकांपा-राजद गंठबंधन के उम्मीदवारों में यादव जाति से 11 उम्मीदवार उतारे गये हैं. गंठबंधन ने कुर्मी जाति से एकमात्र नालंदा से आशीष रंजन सिन्हा, अति पिछड़ी जाति से तीन, दो कुशवाहा, दो दलित और पांच महादलित, आठ सवर्ण और आठ मुसलिम उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं. अति पिछड़ी जाति के उम्मीदवारों में भागलपुर से बुलो मंडल, झंझारपुर से मंगनी लाल मंडल और मुंगेर से प्रगति मेहता के नाम हैं.
इनमें राजद ने सर्वाधिक नौ यादव जाति से, कुशवाहा से दो, छह मुसलिम, तीन अति पिछड़ी जाति, तीन राजपूत, एक ब्राह्नाण और एक कायस्थ जाति से उम्मीदवार दिया है. राजद ने 12 सीटें कांग्रेस को और एक सीट राकांपा को दिया है. बाकी के 27 सीटों पर खुद उम्मीदवार उतारा है.
भाजपा गंठबंधन ने दिये 17 सवर्ण उम्मीदवार
लोजपा-रालोसपा-भाजपा गंठबंधन ने सर्वाधिक 17 उम्मीदवार सवर्ण कोटे से दिया है. इनमें सबसे अधिक आठ राजपूत, पांच भूमिहार, तीन ब्राह्नाण और एक कायस्थ उम्मीदवार दिये गये हैं. गंठबंधन ने दो अल्पसंख्यक, चार यादव, तीन वैश्य, चार अति पिछड़ा, दो कुशवाहा, चार दलित और तीन महादलित वर्ग से उम्मीदवार दिये हैं. गंठबंधन के एक सहयोगी रालोसपा सीतामढ़ी सीट के लिए अब तक उम्मीदवार तय नहीं कर पायी है. गंठबंधन में भाजपा को 30, लोजपा को सात और रालोसपा को तीन सीटें मिली हैं.