299 रन पर दो बार आउट होने वाला दुनिया का एकमात्र क्रिकेटर, बदनसीब की ट्रिपल सेंचुरी केवल 1 रन से चूकी

Martin Crowe only player out on 299: शतक, दोहरा या तिहरा शतक हर बल्लेबाज का सपना होता है, लेकिन तिहरे शतक से एक रन पहले 299 पर आउट होने का दुर्भाग्य केवल न्यूजीलैंड के मार्टिन क्रो के नाम है. क्रिकेट इतिहास में वह अकेले खिलाड़ी हैं जो दो बार 299 रन पर पवेलियन लौटे.

By Anant Narayan Shukla | September 3, 2025 1:52 PM

Martin Crowe only player out on 299: सेंचुरी लगाना किसी भी बल्लेबाज का सपना होता है. दोहरा शतक या तिहरा शतक बनाना तो और भी बड़ा मील का पत्थर माना जाता है, चाहे वह किसी भी फॉर्मेट में हो. लेकिन क्या हो कि कोई 99 पर आउट हो जाए, या 199 पर आउट हो जाएं. 99 रन पर तो कई दिग्गज ढेर हुए हैं, अकेले 7 भारतीयों के नाम पर ही ये रिकॉर्ड है. 199 पर दुनिया भर के 12 बल्लेबाज आउट हुए हैं. लेकिन 299! ट्रिपल सेंचुरी से केवल 1 रन पहले आउट होने वाला दुनिया में केवल एक ही बल्लेबाज है और वह हैं न्यूजीलैंड के कप्तान मार्टन क्रो. 1 रन की कीमत न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान को संभवतः सबसे ज्यादा पता होगी. हैरानी की बात है कि वे इस स्कोर पर दो बार आउट हुए हैं. 

वेलिंग्टन में 1991 में खेले गए न्यूजीलैंड बनाम श्रीलंका टेस्ट मैच में मार्टिन क्रो एक ऐतिहासिक लेकिन दर्दनाक मोड़ पर आकर रुक गए. उन्होंने लगभग 10 घंटे (610 मिनट) क्रीज पर टिककर 523 गेंदों का सामना किया और 29 चौकों व 3 छक्कों से सजी शानदार पारी खेली. लेकिन तिहरे शतक से सिर्फ एक रन पहले वह पवेलियन लौट गए. इंटरनेशनल टेस्ट क्रिकेट के लंबे इतिहास में अब तक कोई और बल्लेबाज 299 रन पर आउट नहीं हुआ है. सबसे बड़े दुख की बात ये रही कि इस मैच में उस समय तक 3 गेंद और बाकी थीं. 

एवरेस्ट पर चढ़ने और आखिरी कदम में हैमस्ट्रिंग खींचने जैसा

मार्टिन श्रीलंका के कप्तान अर्जुन राणातुंगा की गेंद पर विकेटकीपर हसन तिलकरत्ने को कैच थमा बैठे. उनके इस विकेट की खास बात ये है कि वे आज भी दुनिया के एकमात्र बल्लेबाज हैं, जो सबसे बड़े स्कोर के बाद दूसरी टीम के कप्तान द्वारा आउट किए गए हैं. क्रो की यह पारी भले ही तिहरे शतक में तब्दील न हो सकी, लेकिन उनके धैर्य, तकनीक और जुझारूपन का शानदार उदाहरण मानी जाती है. मैच समाप्त होने के बाद उन्होंने कहा था कि यह एवरेस्ट पर चढ़ने और आखिरी कदम में हैमस्ट्रिंग खींचने जैसा है. एक ही पारी में 299 रन बनाना साधारण एकाग्रता से कहीं अधिक की मांग करता है. दुर्भाग्य से वह गेंद पर ध्यान खो बैठे और अर्जुना रणतुंगा की हल्की-फुल्की गति वाली गेंद पर एक ढीला शॉट खेल बैठे. 

77 टेस्ट, 143 वनडे, 10,148 रन, 21 शतक लगाने वाले मार्टिन क्रो. उन्होंने 1992 में क्रिकेटवर्ल्डकप में न्यूजीलैंड का नेतृत्व किया और 114 की औसत से 456 रन बनाकर टीम को सेमीफाइनल में पहुंचाया. फोटो- icc/x

अरविंद डी सिल्वा का ऐतिहासिक दोहरा शतक

उस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए न्यूजीलैंड 58.2 ओवर में 174 रन पर सिमट गया. श्रीलंका की ओर से रमेश रत्नायके ने 18.2 ओवर में 45 रन देकर 4 विकेट और ग्रेम लैब्रोय ने 4 विकेट ने झटके. क्रो ने 71 गेंदों पर 30 रन बनाए और विकेटकीपर-बल्लेबाज इयान स्मिथ ने 28 गेंदों पर 28 रन जोड़े. इसके जवाब में श्रीलंका ने 497 रन ठोके. अरविंदा डी सिल्वा ने 380 गेंदों पर 267 रन की पारी खेली, जो उनका सर्वोच्च टेस्ट स्कोर और पहला दोहरा शतक था. 

मार्टिन क्रो की जुझारु बल्लेबाजी

बड़े अंतर से पिछड़ने के बाद न्यूजीलैंड पर हार का खतरा मंडरा रहा था. 300 से ज्यादा रनों से पिछड़ने के बाद मेजबानों के लिए मुकाबले में टिकना मुश्किल लग रहा था, लेकिन क्रो के इरादे अलग थे. जॉन राइट (168 गेंदों पर 88) के आउट होने के बाद वह क्रीज पर आए और एंड्रयू जोन्स (454 गेंदों पर 186) के साथ बेहतरीन साझेदारी निभाई. जोन्स 14 रन से दोहरे शतक से चूक गए, जबकि क्रो की पारी 299 रन पर समाप्त हुई. पांचवें दिन खेल की समाप्ति से तीन गेंद पहले, क्रो न्यूजीलैंड के चौथे विकेट के रूप में तब आउट हुए जब टीम का स्कोर 671 रन था. ऐसे में 1991 में वेलिंगटन में श्रीलंका के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज का यह पहला टेस्ट मैच ड्रॉ रहा. क्रो को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए  प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब दिया गया.

दूसरी बार फंसे मार्टिन के अलावा 299 का फेर इन पर पड़ा

ईएसपीएन के अनुसार मार्टिन 299 रन पर दो बार आउट होने वाले इकलौते बल्लेबाज हैं. इससे पहले वे न्यूजीलैंड के फर्स्ट क्लास मैच में ट्रिपल सेंचुरी से 1 रन से चूक गए थे. 2006 तक वे प्रथम श्रेणी क्रिकेट में भी 299 पर आउट होने वाले अकेले खिलाड़ी थे. अब उनके अलावा 2006 में काउंटी क्रिकेट में माइक पावेल भी 299 के स्कोर पर आउट होने वाले बल्लेबाज हैं. यह मैच ग्लैमरगन और ग्लूस्टरशायर के बीच खेला गया था, जहां पावेल ट्रिपल सेंचुरी से चूक गए और 1 रन कम 299 पर आउट हो गए.

299 का चक्कर डॉन ब्रैडमैन को भी लपेटे में ले गया

299 के फेर में डॉन ब्रैडमैन भी फंसे हैं. 1932 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में डॉन अकेले खड़े रहे, जबकि दूसरी तरफ से विकेट गिरते रहे. अंतिम विकेट के रूप में डेब्यू मैच खेल रहे पुड थुलरो बल्लेबाजी करने आए. उन्होंने शुरुआती 13 गेंदों पर कोई रन नहीं बनाया. 14वीं गेंद पर उन्होंने डॉन ब्रैडमैन को स्ट्राइक देने के लिए रन लेने की कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्यवश रन आउट हो गए और ब्रैडमैन की पारी 299 नाबाद पर थम गई. 

क्रिकेट के एकमात्र डॉन, सर डोनाल्ड ब्रैडमैन. फोटो- icc/x

मार्टिन क्रो का क्रिकेट करियर

क्रिकटरों के खानदान वाले मार्टिन क्रो ने अपने करियर में 1982 से 1995 तक 77 टेस्ट खेले और 5444 रन बनाए. इसमें 17 शतक और 18 अर्धशतक शामिल रहे. उनके पिता डेव क्रो न्यूजीलैंड के फर्स्ट क्लास क्रिकेटर रहे. उनके बड़े भाई और चचेरे भाई भी क्रिकेट से काफी समय तक जुड़े रहे थे. साल 2016 में 53 वर्ष की आयु में कैंसर से उनकी मृत्यु हो गई. क्रिकेट के प्रति उनके समर्पण और बड़े नाम का सम्मान करते हुए न्यूजीलैंड क्रिकेट ने इंग्लैंड के साथ 2024 में सीरीज की शुरुआत की. इयान थोर्प और मार्टिन क्रो के साझा नाम पर क्रो-थोर्प ट्रॉफी को लांच किया. हालांकि क्रिकेट इतिहास में उनकी 299 रन वाली यह मैराथन पारी आज भी अमर है.

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