मैं गिरगिट बन गया… धोनी की कप्तानी के दौर को लेकर दिनेश कार्तिक का बड़ा खुलासा

Dinesh Karthik Big Revelation about MS Dhoni Era: पूर्व क्रिकेटर दिनेश कार्तिक ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कैसे धोनी के आने के बाद उन्हें अलग-अलग भूमिकाएं निभानी पड़ीं.

By Aditya Kumar Varshney | September 9, 2025 5:52 PM

भारत के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज और मौजूदा क्रिकेट विश्लेषक दिनेश कार्तिक (Dinesh Karthik) ने हाल ही में खुलासा किया कि महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में आने के बाद उन्हें राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने के लिए कई भूमिकाएं निभानी पड़ीं. कार्तिक ने कहा कि वह टीम इंडिया में फिट बैठने के लिए ‘गिरगिट’ की तरह रंग बदलते रहे. (Dinesh Karthik Big Revelation about MS Dhoni Era).

शुरुआती सफर और धोनी से टक्कर

दिनेश कार्तिक ने अक्टूबर 2004 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुंबई टेस्ट से अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की. इसी साल उन्होंने वनडे में भी डेब्यू किया. लेकिन ज्यादा वक्त नहीं बीता कि धोनी ने सीमित ओवरों की टीम में विकेटकीपर-बल्लेबाज के रूप में अपनी जगह पक्की कर ली और कार्तिक बाहर हो गए. कार्तिक को 2006 में टीम इंडिया में दोबारा मौका मिला, लेकिन तब तक धोनी भारतीय क्रिकेट का उभरता सितारा बन चुके थे. यही वजह थी कि कार्तिक को हमेशा अपनी जगह बचाने और अलग-अलग भूमिकाओं को निभाने की चुनौती झेलनी पड़ी.

कार्तिक का धोनी को लेकर बड़ा बयान

इंडिया टुडे से बातचीत में कार्तिक ने स्वीकार किया कि उन्होंने राष्ट्रीय टीम में वापसी के लिए अलग-अलग बल्लेबाजी पोजीशन पर खुद को आजमाया. कार्तिक ने कहा “जब कोई ऐसा खिलाड़ी आता है तो आपको खुद से सवाल करना पड़ता है कि मैं क्या कर सकता हूं. मैं गिरगिट की तरह बन गया. अगर टीम में ओपनिंग स्लॉट खाली होता, तो मैं तमिलनाडु लौटकर कहता ‘सर, मुझे ओपन कराइए.’ फिर मैं बतौर ओपनर रन बनाता ताकि भारतीय टीम में जगह बन सके. अगर मिडिल ऑर्डर में जगह होती तो मैं वहां खेलने की मांग करता. यानी हमेशा मौके तलाशता रहा, लेकिन असली चुनौती उस जगह को लंबे समय तक बनाए रखना थी.” उन्होंने यह भी माना कि कई बार खुद पर इतना दबाव बना लेते थे कि असल में टीम को जो चाहिए था, उसका पूरा न्याय नहीं कर पाते थे.

धोनी को लेकर शुरुआती चर्चाएं

कार्तिक ने याद किया कि 2004 में धोनी के डेब्यू से पहले ही उनके नाम की चर्चा जोर पकड़ चुकी थी. खासकर ए टीम के साथ केन्या दौरे पर उनके प्रदर्शन ने सभी का ध्यान खींचा. उन्होंने कहा “मैंने उन्हें उस वक्त ज्यादा खेलते नहीं देखा था, लेकिन उस दौरे पर हर कोई बस एक ही खिलाड़ी की बातें कर रहा था. कहा जा रहा था कि धोनी अलग तरह की ताकत से गेंद को हिट करते हैं, जो पहले कभी नहीं देखी गई.” कार्तिक के मुताबिक, धोनी की तकनीक पारंपरिक नहीं थी, लेकिन उनके शॉट्स की ताकत इतनी थी कि लोग उन्हें क्रिकेट इतिहास के महान ऑलराउंडर गैरी सोबर्स से तुलना करने लगे थे.

कार्तिक की ईमानदार स्वीकारोक्ति

धोनी ने न सिर्फ भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की की बल्कि धीरे-धीरे टीम के कप्तान बनकर भारतीय क्रिकेट को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया. इस बीच कार्तिक को हमेशा अलग-अलग भूमिकाएँ निभाते हुए अवसर तलाशने पड़े.

उन्होंने ईमानदारी से माना कि धोनी के दौर में जगह पाना बेहद कठिन था और इस वजह से वह खुद को बार-बार नए सांचे में ढालते रहे. हालांकि, कार्तिक ने जब भी मौके मिले, भारत के लिए महत्वपूर्ण पारियां खेलीं और खुद को टीम का भरोसेमंद खिलाड़ी साबित किया.

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