Pitru Paksha 2025: पितरों के असंतोष से जीवन में आती हैं ये परेशानियां, जानें कैसे मिलता है उनकी नाराजगी के संकेत

Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष 2025 का समय पूर्वजों को स्मरण और संतुष्ट करने का विशेष अवसर है. माना जाता है कि पितरों की नाराजगी जीवन में बाधाएं, आर्थिक संकट, रिश्तों में कलह और स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है. उनके संकेतों को पहचानकर श्राद्ध, तर्पण और दान द्वारा शांति व आशीर्वाद पाया जा सकता है.

By Shaurya Punj | September 13, 2025 8:39 AM

Pitru Paksha 2025: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का समय अत्यंत विशेष माना जाता है. यह लगभग 15–16 दिन की अवधि होती है, जब हम अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए श्राद्ध एवं तर्पण जैसे धार्मिक अनुष्ठान करते हैं. यह केवल पितरों को सम्मान देने का ही अवसर नहीं है, बल्कि उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का शुभ समय भी है.

कभी-कभी जीवन में निरंतर मेहनत करने के बावजूद आर्थिक तंगी बनी रहती है, परिवार में कलह होते हैं, विवाह या रिश्तों में अड़चनें आती हैं या स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं परेशान करती रहती हैं. ज्योतिष के अनुसार यह सब पितृ दोष का परिणाम हो सकता है, यानी पितरों की नाराजगी का संकेत.

पितरों की नाराजगी के सामान्य संकेत

  • आर्थिक कठिनाइयां : लगातार पैसों की कमी, कर्ज बढ़ना या धन संचय में बाधा आना.
  • शादी या रिश्तों में रुकावट : विवाह में बार-बार देरी होना या रिश्तों में तनाव और मतभेद बढ़ना.
  • स्वास्थ्य समस्याएं : बार-बार बीमार पड़ना, पुरानी बीमारी या पीढ़ी-दर-पीढ़ी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें होना.
  • असामान्य सपने या आध्यात्मिक संकेत : पितरों, सांप या विचलित करने वाले सपने दिखना, यह इशारा हो सकता है कि पितर स्मरण कराना चाहते हैं.

पितृ दोष को शांत करने के सरल उपाय

  • श्राद्ध और तर्पण : पितृ पक्ष की तिथि पर पितरों को भोजन, जल और प्रार्थना अर्पित करें. ब्राह्मणों को भोजन कराना और सेवा करना अत्यंत पुण्यकारी माना गया है.
  • दान करना : गरीब और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, अनाज और धन का दान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है.
  • मंत्र जाप और प्रार्थना : इस समय गायत्री मंत्र या ॐ नमो भगवते वासुदेवाय जैसे मंत्रों का जप करना शुभ माना जाता है. यह पितृ दोष को कम कर पूर्वजों का आशीर्वाद दिलाता है.

पितृ पक्ष का महत्व

पितृ पक्ष केवल धार्मिक आस्था का पर्व नहीं है, बल्कि यह हमें पूर्वजों की स्मृति से जोड़ता है और उनके आशीर्वाद से जीवन में स्थिरता, सुख और शांति प्राप्त करने का अवसर देता है. यदि हम संकेतों को समझकर सही उपाय करें तो जीवन की कठिनाइयां कम हो सकती हैं और घर में सौहार्द बना रह सकता है.

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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
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