Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष में भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना रुक सकती है तरक्की

Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष 2025 का समय पितरों की श्रद्धांजलि और तर्पण का होता है. इस दौरान कुछ गलतियां करने से न केवल पुण्य कम हो सकता है, बल्कि जीवन में तरक्की और सौभाग्य भी रुक सकते हैं. इसलिए सावधानीपूर्वक अनुष्ठान करें और इन भूलों से बचें.

By Shaurya Punj | September 9, 2025 10:31 AM

Pitru Paksha 2025: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का समय बहुत पवित्र माना जाता है. यह 16 दिनों का विशेष काल होता है, जो हमारे पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनका आशीर्वाद पाने के लिए समर्पित है. मान्यता है कि इस दौरान पितर अपने वंशजों से मिलने आते हैं. अगर श्राद्ध, तर्पण और दान सही विधि से किए जाएँ, तो पितर प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. लेकिन इस दौरान कुछ ऐसे काम हैं, जिन्हें करने से बचना चाहिए ताकि घर में शांति और तरक्की बनी रहे.

पितृ पक्ष के दौरान क्या न करें?

  • टूटे-फूटे सामानों को हटा दें: घर में पुराने बर्तन, टूटी मूर्तियां या फटी हुई तस्वीरें न रखें. ऐसा माना जाता है कि ये नकारात्मक ऊर्जा फैलाते हैं, जिससे पूर्वज नाराज़ हो सकते हैं. यदि आपके घर में ऐसे सामान हैं, तो पितृ पक्ष शुरू होने से पहले उन्हें हटा दें.
  • सूखे या मरे हुए पौधे न रखें: हरे-भरे पौधे शुभ होते हैं, जबकि सूखे पौधे नकारात्मकता लाते हैं. पितृ पक्ष में इन्हें ख़ास तौर पर हटा देना चाहिए और ताज़े पौधे लगाने चाहिए.
  • श्राद्ध और तर्पण की तिथि न भूलें: श्राद्ध और तर्पण सही दिन और सही समय पर करना बहुत ज़रूरी है. यदि अनुष्ठान तिथि के अनुसार न हो, तो पितरों की आत्मा को शांति नहीं मिलती और उनका आशीर्वाद भी अधूरा रह सकता है.
  • तर्पण को हल्के में न लें: पितरों को जल अर्पित करना, जिसे तर्पण कहते हैं, बहुत आवश्यक है. मान्यता है कि हाथों से बहता जल सीधे पितरों तक पहुँचता है. इसे नज़रअंदाज़ करने से उनके आशीर्वाद में कमी आ सकती है.
  • परंपराओं का मज़ाक न उड़ाएं: आजकल कुछ लोग प्राचीन रीति-रिवाजों पर सवाल उठाते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से पूर्वज अप्रसन्न हो सकते हैं. इसलिए, इन परंपराओं का आदर और श्रद्धा के साथ पालन करना चाहिए.
  • घर में झगड़े और नकारात्मक माहौल न हो: पितृ पक्ष के दौरान यह माना जाता है कि पूर्वज घर में मौजूद होते हैं. ऐसे में घर में लड़ाई-झगड़ा, कड़वे बोल या गुस्सा करना ठीक नहीं है. घर में शांति और सद्भाव का माहौल ही पितरों को प्रसन्न करता है.
  • भोजन और जल अर्पण न भूलें: पूर्वजों को भोजन और जल अर्पित करना सबसे ज़रूरी है. ख़ासकर खीर-पूरी जैसे व्यंजन बनाकर श्रद्धा से अर्पित करें. साथ ही, गाय, कुत्ते या पक्षियों को भोजन कराने से भी पुण्य मिलता है.
  • ख़राब या बंद घड़ी न रखें: घड़ी समय का प्रतीक है. घर में बंद या टूटी हुई घड़ी रखना अशुभ माना जाता है. पितृ पक्ष से पहले सभी घड़ियों को ठीक कर लें.
  • धार्मिक ग्रंथों का पाठ न छोड़ें: पितृ पक्ष में गीता जैसे पवित्र ग्रंथों का पाठ करना बहुत शुभ माना गया है. इससे न केवल पूर्वजों को शांति मिलती है, बल्कि परिवार में भी सकारात्मकता आती है.
  • घर को गंदा न रखें: गंदगी और अव्यवस्था को पूर्वजों के लिए अशुभ माना जाता है. इस समय घर की साफ़-सफ़ाई पर ख़ास ध्यान दें. एक स्वच्छ और सुसज्जित घर में ही पितरों का आशीर्वाद आसानी से मिलता है.
  • पितृ पक्ष को सिर्फ़ एक धार्मिक अनुष्ठान न समझें, बल्कि इसे अपने पूर्वजों के प्रति आभार और सम्मान व्यक्त करने का अवसर मानें. जब आप इन दिनों को श्रद्धा और अनुशासन के साथ बिताते हैं, तो आपके घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है.

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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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