Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष के दौरान नए कपड़े खरीदना शुभ या अशुभ

Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष में नए कपड़े खरीदने को लेकर लोग अक्सर भ्रम में रहते हैं. शास्त्रों के अनुसार, पितृ पक्ष का समय श्रद्धा, पवित्रता और संयम का होता है. इस दौरान मुख्य ध्यान पितृ तर्पण और श्राद्ध कर्म पर होना चाहिए, इसलिए नए कपड़े खरीदना आवश्यक या विशेष शुभ नहीं माना जाता है.

By Shaurya Punj | September 9, 2025 11:48 AM

Pitru Paksha 2025: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष को पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनका आशीर्वाद पाने का एक पवित्र समय माना जाता है. यह समय श्राद्ध, तर्पण और दान-पुण्य जैसे अनुष्ठानों के लिए समर्पित है. इस दौरान कई लोग अक्सर दुविधा में रहते हैं कि क्या नए कपड़े पहनना या खरीदना उचित है. शास्त्रों और धार्मिक मान्यताओं को देखें तो इसका जवाब सादगी और श्रद्धा में निहित है.

शास्त्रों में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पितृ पक्ष में नए कपड़े पहनना या खरीदना अनिवार्य नहीं है. यह समय भौतिक सुखों पर ध्यान देने के बजाय आध्यात्मिक शुद्धता और पूर्वजों के प्रति सम्मान पर केंद्रित होता है. इस काल का मुख्य उद्देश्य अपने पितरों को याद करना और उनकी आत्मा की शांति के लिए कर्म करना है. इसलिए, इन 16 दिनों में दिखावे से दूर रहना ही उचित माना जाता है.

पंडितों और जानकारों के अनुसार, पितृ पक्ष में सादे और सात्विक कपड़े पहनना सबसे शुभ होता है. सफेद, हल्के पीले या अन्य हल्के रंग के वस्त्र मानसिक शांति और पवित्रता बनाए रखने में मदद करते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि नए और चमकीले कपड़े पहनने से मन में अभिमान या भौतिकवाद का भाव आ सकता है, जो इस पवित्र समय की सादगी में बाधा डालता है. सादगी और संयम का पालन करके ही व्यक्ति अपने पूर्वजों की सेवा सच्चे मन से कर सकता है.

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परंपरा और व्यावहारिकता

हालांकि, अगर आपके परिवार या क्षेत्र में ऐसी कोई विशेष परंपरा है कि पितृ पक्ष में नए कपड़े पहने जाते हैं, तो आप उसे निभा सकते हैं. धार्मिक मान्यताओं में लचीलापन होता है और व्यक्तिगत परंपराओं का भी सम्मान किया जाता है. लेकिन यह याद रखना ज़रूरी है कि मुख्य ध्यान श्राद्ध कर्म, पूजा-पाठ और दान-पुण्य पर ही होना चाहिए.

संक्षेप में, पितृ पक्ष में नए कपड़े पहनना या खरीदना आवश्यक नहीं है. यह समय श्रद्धा और भक्ति का है, जहां सादगी और सात्विकता को सबसे अधिक महत्व दिया जाता है. सादे और हल्के रंग के कपड़े पहनकर आप पूर्वजों की सेवा में अपनी भक्ति और आदर व्यक्त कर सकते हैं. पितृ पक्ष का असली मकसद भौतिक वस्तुओं से परे होकर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनका आशीर्वाद पाना है.