Pitru Paksha 2025: पितृपक्ष कि षष्ठी तिथि पर आज श्री हरि की कृपा से पितरों को मिलता है मोक्ष

Pitru Paksha 2025: पितृपक्ष की षष्ठी तिथि का विशेष महत्व होता है. इस दिन श्री हरि की आराधना और पितरों के लिए तर्पण करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और परिवार पर सुख-समृद्धि की कृपा बरसती है. धार्मिक मान्यता है कि इस तिथि पर विष्णु पूजा से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है.

By Shaurya Punj | September 12, 2025 7:52 AM

Pitru Paksha 2025: पितृपक्ष की षष्ठी तिथि पर आज 12 सितंबर 2025 का दिन पितरों की आत्मिक शांति के लिए अत्यंत पुण्यदायी मानी जाती है. मान्यता है कि इस दिन श्री हरि विष्णु की आराधना और पितृ तर्पण करने से पितरों को तृप्ति मिलती है. इसके साथ ही परिवार में सुख-समृद्धि, धन-धान्य और उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है.

पूजा विधि

  • प्रातः स्नान कर स्वच्छ और पवित्र वस्त्र धारण करें.
  • भगवान विष्णु के समक्ष घी का दीपक जलाकर तुलसीदल अर्पित करें.
  • श्री हरि को पीले वस्त्र, पीले फूल और भोग अर्पित करना विशेष फलदायी है.
  • इस दिन गीता पाठ या विष्णु सहस्रनाम का जाप करना शुभ माना जाता है.
  • पूजा के उपरांत पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान अवश्य करें.

धार्मिक मान्यता

ऋग्वेद और पुराणों में उल्लेख मिलता है कि षष्ठी तिथि पर पितरों के नाम से की गई पूजा और दान से पूर्वज प्रसन्न होकर अपने वंशजों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं. विशेष रूप से, श्री हरि की उपासना पितरों को मोक्ष की ओर अग्रसर करती है और संतान के जीवन में सुख-शांति तथा समृद्धि लाती है.

इस दिन क्या करें और क्या न करें

  • पितरों के नाम से अनाज, तिल, वस्त्र और भोजन का दान करें.
  • गरीब, ब्राह्मण और पशु-पक्षियों को अन्न प्रदान करना अत्यंत शुभ है.
  • इस दिन क्रोध, अपशब्द और नकारात्मक विचारों से बचना चाहिए.

पितृपक्ष की षष्ठी तिथि पर श्रद्धा और विधि-विधान से श्री हरि की पूजा तथा पितृ तर्पण करने से पितरों की आत्मा तृप्त होती है. पितृदेव प्रसन्न होकर परिवार के लिए कल्याणकारी आशीर्वाद देते हैं और जीवन में सकारात्मकता व सुख-समृद्धि का संचार होता है.