Advertisement
28 से शुरू होगा मनभावन सावन, 27 को दिखाई देगा खग्रास चंद्रग्रहण, चार राशियों पर शुभ प्रभाव, बाकि करें ये उपाय
अनुपम कुमारी बाजार में तरह-तरह के कांवर आ गये हैं, महिलाओं के लिए भी बाजार सज कर तैयार पटना : सावन का महीना 28 जुलाई से शुरू हो रहा है. इसके साथ ही सावन की तैयारियां भी जोरों-शोर से होने लगी है. बाजार में कांवरियों के लिए गेरूए रंग के वस्त्रों और कांवर जैसे समान […]
अनुपम कुमारी
बाजार में तरह-तरह के कांवर आ गये हैं, महिलाओं के लिए भी बाजार सज कर तैयार
पटना : सावन का महीना 28 जुलाई से शुरू हो रहा है. इसके साथ ही सावन की तैयारियां भी जोरों-शोर से होने लगी है. बाजार में कांवरियों के लिए गेरूए रंग के वस्त्रों और कांवर जैसे समान सज गये हैं. वहीं, महिलाओं के लिए हरे रंग के परिधान और हरे रंग की चुड़ियां से बाजार सज चुका है.
इस बार सावन का पहला सोमवार 30 जुलाई को है. ऐसा माना जाता है कि सावन के महीन में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इस साल सावन का महीना बहुत खास है. पंचांग के अनुसार इस बार सावन का महीना 30 दिनों का है जिसमें पांच सोमवार शामिल हैं.
30 को पहला सोमवार और 26 को रक्षा बंधन
पूर्णिमा की गणना के अनुसार 28 जुलाई से सावन आरंभ हो रहा है. सावन की पहली सोमवारी 30 जुलाई को मनाया जायेगा. इसके बाद दूसरी सोमवारी 6 अगस्त, तीसरा 13 अगस्त और अंतिम और चौथा सोमवारी 20 अगस्त को मनाया जायेगा. वहीं, सावन पूर्णिमा रक्षा बंधन का पर्व 26 अगस्त को मनाया जायेगा. इसी बीच 11 अगस्त को हरियाली अमावस्या है. 15 अगस्त को नागपंचमी का पर्व मनाया जायेगा.सावन पूरे 30 दिनों का है. अधिक मास के कारण 30 दिनों योग बन रहा है.ऐसा संयोग 19 साल बाद हुआ है.
सावन के महीने का महत्व
दैवज्ञ श्री पति त्रिपाठी ने बताया कि चैत्र के पांचवें महीने को सावन का महीना कहा जाता है. सावन के महीने का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. शिवपुराण के अनुसार, भगवान शिव ने सावन के महीने में माता पार्वती की तपस्या से खुश होकर उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकारा था. भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से पद, प्रतिष्ठा ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. साथ ही सावन महीने में आने वाले पहले सोमवार से ही 16 सोमवार व्रत की शुरुआत होती है.
कावंरियों के लिए तैयार हुए कांवर
सावन में देवघर जाने वाले कावंरियों को लेकर कांवर तैयार कर लिये गये हैं. जंक्शन स्थित न्यूमार्केट पूरी तरह से कावंरियों के लिए सज चुका है.
प्लास्टिक के कांवर से लेकर पीतल और स्टील और चांदी के कांवर तैयार किये जा रहे हैं. 250 रूपये से लेकर 25,000 तक के कांवर की मांग है. दुकानदार सीजनल जनरल स्टोर की सुधीर कुमार की मानें तो प्रत्येक सावन दो से तीन लाख तक का कारोबार केवल कांवर का होता है.
पटना के लोग ज्यादातर स्टील पॉलिश और चांदी पॉलिश के कांवर खरीदते हैं. इसकी कीमत 25 से 30 हजार तक है. इसमें 13 से 14 आइटम लगते हैं. वहीं, 300 से 1000 तक के कांवर की अधिक मांग है.
वहीं, गीता हैंडलूम के प्रदीप कुमार ने बताया कि सावन को लेकर गेरूएं रंग के वस्त्रों की मांग है. महिलाएं को लिए साड़ी, युवतियों के लिए कुरती व लैगिज वहीं, टी-शर्ट, बैग , पैंट , गमछा, गंजी, बंडी आदि की मांग है. इस बार लोगों की मांग को देखते हुए रेडीमेड धोती आया है1 इसकी कीमत 500 से 1000 तक है. इन वस्त्रों की बिक्री एक महीने पहले से शुरू हो जाती है. सावन से संबंधित म्यूजिक अलबम बनाने वाले लोग इन्हें ले रहे हैं. वहीं अब कांवरियाें की भी भीड़ आने लगी है.
चातुर्मास शुरू, चार महीने तक नहीं बजेगी शहनाई
हरिशयनी एकादशी के बाद से आज मंगलवार से चातुर्मास की शुरूआत हो गयी है. सोमवार को आषाढ़ शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल एकादशी यानी 20 नवंबर के समयावधि को चातुर्मास कहा जाता है. सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश करने के साथ चातुर्मास अारंभ हो जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार चातुर्मास के दौरान चार माह तक भगवान विष्णु शयन कक्ष में चले जाते हैं.
इस अवधि में शादी-ब्याह , मुंडन, जनेऊ आदि मांगलिक नहीं किये जाते हैं. इससे अब पूरे चार महीने तक शहनाई नहीं बजेगी. अगले वर्ष 2019 में 15 जनवरी से शादी -ब्याह के शुभ मुहूर्त शुरू होंगे. इस दौरान धार्मिक अनुष्ठान अधिक किये जाते हैं. सनातन धर्मावलंबियों के लिये इन्हीं चार महीने में दशहरा, तीज, रक्षाबंधन, छठ पूजा, आदि पर्व त्योहार मनाये जाते हैं.
पंडित राकेश झा ने बताया कि चातुर्मास के दौरान साधु-संत और महात्मा एक जगह से दूसरे जगह नहीं जाते हैं. पंचांगों के अनुसार वर्ष 2019 में 17 जनवरी से सात जुलाई तक शादी -ब्याह के 59 शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. वहीं, जनवरी से मार्च तक 21 शुभ मुहूर्त है. वहीं, 16 अप्रैल से 28 जून तक 36 शुभ मुहूर्त है.
27 को दिखाई देगा खग्रास चंद्रग्रहण
इस वर्ष पूर्ण चंद्रग्रहण का संयोग बन रहा है. यह ग्रहण पूरे भारत के अलावा एशिया , यूूरोप , अस्ट्रेलिया , अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका सहित कई देशों में दिखाई देगा. आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा तिथि 27 जुलाई गुरु पूर्णिमा के दिन शुक्रवार की रात्रि 11.54 मिनट से प्रारंभ होगी, जो मध्य रात्रि 1.52 मिनट पर रहेगा. यानी की ग्रहण रात्रि एक बजे से 2.43 मिनट तक रहेगा. यह चंद्रग्रहण पूरे भारत में खग्रास के रूप में दिखाई देगा. यानि पूरा चंद्रमा ढ़का रहेगा. पंडितों के अनुसार गुरु पूर्णिमा के दिन लगने वाला यह चंद्र ग्रहण पूरे 2 घंटा 35 मिनट तक रहेगा, जो अगले दिन 28 जुलाई दिन शनिवार की सुबह 3.49 मिनट पर समाप्त होगा. ऐसा संयोग 104 साल बाद बन रहा है.
यह सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण लगेगा. ग्रहण का स्पर्श उत्तर आषाढ़ नक्षत्र के मकर राशि में तथा ग्रहण का मोक्ष काल श्रवण नक्षत्र के मकर राशि में होगा. इसलिए जिन व्यक्तियों का जन्म उत्तर आषाढ़ नक्षत्र एवं श्रवण नक्षत्र में हुआ है वो इस ग्रहण को ना देखे. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जिस राशि में चंद्र ग्रहण होता है. उस राशि के लोगों को कष्ट का सामना करना पड़ता है.
चार राशियों पर शुभ प्रभाव
इसके अलावा चार राशियों पर ग्रहण का शुभ प्रभाव पड़ेगा. मेष , सिंह, वृश्चिक , व मीन राशि पर ग्रहण का प्रभाव शुभ माना जायेगा. वहीं, कुंभ, तुला,कर्क व वृष राशि पर मध्यम प्रभाव पड़ेगा. मकर, मिथुन, कन्या व धनु राशि पर अशुभ माना गया है. इस राशि के लोग ग्रहण के समय भगवान शिव की अराधना करें. चंद्रग्रहण का गोचर के अनुसार अलग-अलग प्रभाव होता है. चंद्रगहण पर सभी को दान-पुण्य करने पर कई गुणा अधिक फल मिलता है. इस दिन उड़द व मूंग दाल ,काला तिल, व नीले काले रंगों का वस्त्रों का दान करना शुभ होगा.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement