Tipu Sultan : कौन था लीजेंड टीपू सुल्तान जिसके लिए आज कहा जा रहा है-टीपू-ईपू को समुद्र में फेंको

Tipu Sultan : क्या भारतीय इतिहास के दो महानायक अकबर और टीपू सुल्तान महज बड़े शासक थे और उन्होंने ऐसा कोई कार्य नहीं किया,जिससे उन्हें महान की संज्ञा दी जाए? यह सवाल इसलिए क्योंकि एनसीईआरटी (NCERT) ने अपनी किताबों में उनके नाम से पहले ग्रेट शब्द हटा दिया है. इसके पीछे की वजह भी जाहिर हुई है, इसमें यह कहा गया कि उन्होंने कई लोगों पर क्रूरता की थी, इसलिए उन्हें सर्व स्वीकार्य महान नहीं माना जा सकता है. इतिहासकारों की मानें, तो महान शब्द वैसे शासकों के लिए प्रयोग किया जाता है, जिसके सत्ता का विस्तार बड़े भू-भाग तक हो और कमोबेश उसने अपने प्रजा के मन में अपने लिए जगह बना ली हो.

By Rajneesh Anand | November 23, 2025 12:17 PM

Tipu Sultan : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एनसीईआरटी (NCERT) की किताबों से मुगल शासक अकबर और मैसूर के सुल्तान टीपू के नाम के आगे से महान या लीजेंड शब्द हटाए जाने के सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अगर एनसीईआरटी (NCERT) ने ऐसा किया है, तो सही किया है. ये टीपू-ईपू को बाहर करो. इन्हें समुद्र में फेंक देना चाहिए. हिमंत बिस्वा सरमा की इस प्रतिक्रिया के बाद एक नई बहस छिड़ गई है कि आखिर टीपू सुल्तान और अकबर कैसे शासक थे? आखिर अबतक उन्हें क्यों ग्रेट माना जा रहा था और अचानक ऐसा क्या हुआ कि एनसीईआरटी (NCERT) की किताबों से उनके लिए प्रयुक्त शब्द महान और लीजेंड को हटा दिया गया है. आइए समझते हैं-

कौन था टीपू सुल्तान?

टीपू सुल्तान मैसूर का राजा था. उसका पूरा नाम सुल्तान फतेह अली साहब टीपू था. उसके पिता का नाम हैदर अली था. टीपू सुल्तान 1782 से 1799 तक शासक रहे थे. उनका जन्म 1751 में हुआ था. टीपू सुल्तान की मौत महज 47 वर्ष की आयु में हो गई थी. टीपू सुल्तान ने हमेशा अंग्रेजों का विरोध किया और मैसूर को उनके शासन से बचाकर रखा. टीपू सुल्तान की मौत भी श्रीरंगपट्टना में ब्रिटिश सेना के खिलाफ युद्ध लड़ते हुए हुई थी. टीपू सुल्तान को रॉकेट आर्टिलरी जैसे हथियारों का जनक माना जाता है, जिसके उपयोग से टीपू सुल्तान ने अंग्रेजों की हालात खराब कर दी थी. दरअसल रॉकेट आर्टिलरी वह हथियार था, जिसमें लोहे के रॉकेटों का इस्तेमाल कर दुश्मन पर हमला किया जाता था. टीपू के राॅकेट 1-2 किलोमीटर तक की मारक क्षमता के थे. रॉकेट आर्टिलरी के जरिए एक साथ कई रॉकेटों को छोड़ा जाता था, जिसकी वजह से लक्ष्य को बर्बाद करना आसान था. मैसूर के युद्ध में जब रॉकेट आर्टिलरी का इस्तेमाल हुआ तो अंग्रेज घबरा गए थे. हालांकि टीपू सुल्तान को अंग्रेजो ने धोखे से मार दिया था. टीपू सुल्तान को महान योद्धा और शासक इसलिए भी माना जाता है क्योंकि उसने नई सिक्का प्रणाली और भूमि राजस्व प्रणाली को विकसित किया. उसके अंग्रेजों को टक्कर दी, इसी वजह से उनका नाम आजादी के दीवानों में शामिल है. इतिहासकारों की मानें, तो उन्होंने टीपू को महत्व इसलिए दिया क्योंकि उसने अंग्रेजों को सीधी टक्कर दी थी.

एनसीईआरटी की किताब जिसमें टीपू को लीजेंड और टाइगर बताया गया है.

कौन था अकबर?

Tipu sultan : कौन था लीजेंड टीपू सुल्तान जिसके लिए आज कहा जा रहा है-टीपू-ईपू को समुद्र में फेंको 3

अकबर मुगल साम्राज्य का तीसरा शासक था. उसका पूरा नाम अबुल-फतह जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर था. वह हुमायूं का बेटा था. उसे अकबर महान, अकबर ए आजम, शहंशाह अकबर और महाबली अकबर के नाम से भी जाना जाता है. उसका जन्म 1542 ई में हुआ था और उसने 11 फरवरी 1556 – 27 अक्टूबर 1605 तक शासन किया. उसने अपने साम्राज्य को काफी विस्तार दिया और उत्तर और दक्षिण भारत के अधिकांश भूभाग पर अपनी सत्ता स्थापित कर ली थी. उसने पूरे भारत को एकीकृत राज्य के रूप में स्थापित किया और एक केंद्रीय सत्ता स्थापित की. अकबर को महान शासक कहने के पीछे सबसे बड़ी तर्क यह दी जाती है कि उसे बहुसंख्यक प्रजा जो हिंदू थी, उन्होंने भी स्वीकार किया और उसकी प्रशंसा की. उसने हिंदुओं पर लगने वाले जजिया कर को हटा दिया और हिंदू-मुस्लिम एकता स्थापित करने के लिए कई कोशिशें की. उसने समझौते के तौर पर कई हिंदू राजकुमारियों से शादी भी की. अकबर ने हिंदुओं को अपने प्रशासन में महत्वपूर्ण भागीदारी दी, अकबर के नौ रत्नों में बीरबल, तानसेन, टोडरमल और मानसिंह जैसे लोग शामिल थे. यही वजह है कि अकबर को सबसे महान मुगल शासकों में गिना जाता है.

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अकबर और टीपू सुल्तान को महान कहने पर क्या है आपत्ति?

अकबर और टीपू सुल्तान दोनों के बारे में यह कहा जाता है कि वे महान योद्धा और शासक थे. लेकिन कई ऐसे दावे सामने आए हैं जिसमें अकबर और टीपू सु्ल्तान को बर्बर और हिंदुओं के प्रति असहिष्णु कहा गया है. अकबर पर यह आरोप है कि उसने कई हिंदू मंदिरों को तोड़ा और हिंदू लड़कियों को जबरन अपनी हरम में रखा. टीपू सुल्तान पर भी इस तरह के आरोप लगते हैं. कोडावों और नायर समुदाय के लोगों ने टीपू सुल्तान को असहिष्णु और क्रूर बताया. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठनों ने भी अकबर और टीपू को महान कहने पर आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि महाराणा प्रताप सहित कई हिंदू राजाओं के साथ अकबर ने क्रूरता की थी, तो फिर वह महान कैसे हो सकता है. इतिहास में कई ऐसी बातें हुई हैं, जिसके आधार पर इन दोनों शासकों को महान कहना गलत है. इनका दावा है कि उनके दरबारी कवियों ने उन्हें शासक के रूप में चित्रित कर दिया, जबकि सच्चाई कुछ और ही है. एनसीईआरटी की किताबों में अकबर को तो महान शासक के रूप में चित्रित किया गया है, लेकिन टीपू सुल्तान को टाइगर और लीजेंड कहा गया है. इसकी वजह यह है कि अकबर का शासन तो उत्तर से दक्षिण भारत तक था, लेकिन टीपू सुल्तान मैसूर तक सीमित थे.

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