PM Modi’s 75th Birthday: वो 5 शख्सियत जिन्होंने एक चाय वाले के बेटे को बनाया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
PM Modi's 75th Birthday: कोई भी व्यक्ति महान सिर्फ अपनी प्रतिभा और क्षमता की वजह से नहीं बनता. उसे महान बनाने वालों की फेहरिस्त में वे तमाम लोग शामिल होते हैं, जो उसके व्यक्तित्व को गढ़ते हैं, उसे प्रेरित करते हैं और उसकी क्षमताओं को सही समय पर पहचान कर उसे बाहर निकालने की पूरी व्यवस्था करते हैं.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन में ऐसे लोग थे, जिन्होंने उन्हें नरेंद्र मोदी बनाया.
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PM Modi’s 75th Birthday: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 75 साल के हो गए हैं. उनका यह जन्मदिन कई मायनों में खास है. यह अवसर है, रूककर विचार करने का किस तरह एक चाय बेचने वाला निम्नवर्गीय परिवार का बच्चा विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का प्रधानमंत्री बन जाता है. वे कौन से कारक है, जिन्होंने एक बच्चे को इतना प्रेरित किया कि वह अपने अंदर मौजूद गुणों को बखूबी उभार सका. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर अगर गौर करें, तो वे किस्मत वाले प्रतीत होते हैं, जिनके जीवन में कुछ ऐसे लोग थे, जिन्होंने उन्हें नरेंद्र मोदी बनाने में योगदान दिया और उनके व्यक्तित्व को गढ़ा.
मां हीराबेन से मिले संस्कार और संघर्ष की शक्ति
पीएम मोदी को जन्म के साथ ही एक ऐसी महिला का साथ मिला, जिन्होंने उनके व्यक्तित्व को गढ़ा. हीराबेन एक साधारण महिला थी, लेकिन उन्होंने अपने बेटे नरेंद्र दामोदर दास मोदी को असाधारण गुणों से भरपूर बनाया. हीराबेन एक गृहिणी थी, लेकिन उन्होंने अपने जीवन में मौजूद त्याग और सादगी को अपने बेटे के जीवन में उतार दिया. नरेंद्र मोदी ने अपनी मां से कठिनाइयों में भी ईमानदारी और अनुशासन के साथ जीना सीखा. पीएम मोदी हमेशा यह कहते हैं कि उनकी मां ने अपनी तकलीफ को कभी जाहिर नहीं किया, वे तो बस बच्चों के लिए सुख का इंतजाम करना चाहती थी.
लक्ष्मणराव इनामदार ने बनाया कुशल रणनीतिकार
पीएम मोदी ने बचपन में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं में जाना शुरू कर दिया था. यहां उनकी पहचान लक्ष्मणराव इनामदार से हुई, जो उनके लिए अभिभावक के समान थे. लक्ष्मणराव इमानदार ने पीएम मोदी के जीवन में बड़ी अहम भूमिका निभाई. इमानदार ने नरेंद्र मोदी की संगठनात्मक क्षमता को पहचाना और उन्हें अपनी लीडरशिप को संवारने का मौका दिया. उन्होंने संघ के अनुशासन और राष्ट्रवाद की भावना से नरेंद्र को परिचित कराया. उन्हें कुशल रणनीतिकार और बेहतरीन वक्ता के रूप में विकसित किया.
स्वामी विवेकानंद ने सिखाया आत्मनिर्भरता का पाठ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार यह बता चुके हैं कि उनके जीवन पर स्वामी विवेकानंद का बहुत प्रभाव था. वे अपने युवावस्था में उनसे ही प्रभावित होकर बेलूर मठ गए थे और संन्यास की ओर प्रेरित हुए थे. उन्होंने स्वामी जी से आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ा था और आध्यात्मिक राष्ट्रवाद से मुलाकात कर पाए थे. वे अकसर अपने भाषणों में स्वामी जी के उन बातों का जिक्र करते हैं, जिनसे वे प्रेरित हैं.
स्वामीनारायण परंपरा ने उन्हें सिखाया त्याग और सेवा
गुजरात के स्वामी नारायण परंपरा से नरेंद्र मोदी काफी हद तक प्रभावित थे. उन्होंने हमेशा इस परंपरा के साधु-संतों के सान्निध्य में समय गुजारा और उन्हें त्याग और सेवा भावना को सीखा. साधु संतों के साथ रहते हुए उन्होंने मानव सेवा को अपना लक्ष्य बना लिया. उनके राजनीतिक कार्यों में भी उनकी यह भावना स्पष्टत: नजर आती है.
अटल बिहारी वाजपेयी राजनीति के आदर्श
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात को हमेशा स्वीकारा है कि राजनीति में उनका कोई आदर्श है, तो वो हैं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी. वे वाजपेयी की वाकपटुता के दीवाने हैं. नरेंद्र मोदी कहते हैं कि राजनीति का मानवीय चेहरा उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के संपर्क में ही देखा. राजनीति एक संवाद की कला है, जिसमें महारत कैसे हासिल किया जाए, यह भी उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी से ही सीखा था.
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