High Tide : भारी बारिश के बीच हाई टाइड का अलर्ट कितना है खतरनाक? जानें इनके बीच क्या है संबंध

High Tide In Mumbai Today : मुंबई में खराब मौसम की वजह से रेड अलर्ट जारी है, साथ ही हाई टाइड को लेकर भी समय बता दिया गया है, ताकि किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके. बृहन्मुंबई नगर निगम यानी बीएमसी ने खासकर इस बारे में चेतावनी भी दी है. पिछले कुछ सालों से मुंबई की स्थिति बारिश की वजह से बदहाल होती रही है. भारी बारिश के बीच हाई टाइड का अलर्ट कितना डरावना है और इनके बीच क्या है संबंध?

By Rajneesh Anand | August 19, 2025 3:18 PM

High Tide In Mumbai Today : मुंबई,ठाणे और पुणे में लगातार तीन दिन से भारी बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने आज भी मुंबई के लिए बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है. वहीं बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने मंगलवार को हाई टाइड की चेतावनी दी है और समय की जानकारी भी दी है, जब समुद्र की लहरें 3.75 मीटर तक ऊंची उठ सकती हैं. बीएमसी ने भारी बारिश और हाई टाइड को देखते हुए अलर्ट जारी किया है, ताकि लोग समुद्र से दूर रहें और उन्हें हाई टाइड की वजह से कोई नुकसान ना हो. पिछले तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश की वजह से मुंबई और ठाणे के कई इलाकों में भारी जलजमाव है और कई इलाकों में घुटनों तक पानी भर गया है. इस स्थिति में हाई टाइड का आना और परेशानी का सबब हो सकता है.

क्या होता है हाई टाइड?

हाई टाइड की वजह

हाई टाइड समुद्र में तब उत्पन्न होता है जब चंद्रमा पृथ्वी के नजदीक होता है. उस वक्त चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण बल लहरों को अपनी ओर खींचता है, तब समुद्र का जलस्तर बढ़ जाता है और ऊंची-ऊंची लहरें उठती हैं, जिसे हाई टाइड कहा जाता है. लेकिन जब चंद्रमा अपनी घूर्णन की वजह से पृथ्वी से दूर चला जाता है, तो लो टाइड होता है, क्योंकि गुरुत्वाकर्षण का बल कम हो जाता है. हाई टाइड और लो टाइड समुद्र में रोज होने वाली क्रिया है. रांची मौसम विभाग के वैज्ञानिक अभिषेक आनंद बताते हैं कि हाई टाइड जब होता है, तो लहरें बहुत ऊंची हो जाती हैं, जिसकी वजह से तटीय इलाकों में खतरा उत्पन्न हो जाता है.

बारिश और हाई टाइड का कनेक्शन

बारिश और हाई टाइड का सीधा संबंध नहीं होता है, लेकिन इसके परिणाम आम लोगों को प्रभावित करते हैं. वैज्ञानिक अभिषेक आनंद बताते हैं कि समु्द्र कई बार अशांत होता है, यह जरूरी नहीं है कि हर बार कोई चक्रवात ही आया हो. कई बार लो प्रेशर एरिया मानसूनी हवाएं और वाष्पीकरण की वजह से भी समुद्र अशांत रहता है. ऐसी स्थिति में अगर हाई टाइड आता है, तो ऐसी संभावना रहती है कि लहरें और तेज हो सकती हैं. एक तो बारिश और फिर हाई टाइड दोनों के प्रवाह से समुद्र बुरी तरह अशांत हो जाता है. मौसम विभाग ऐसी परिस्थितियों में चेतावनी जारी करता है कि मौसम खराब होने की वजह से बारिश तेज हो रही है और फिर हाई टाइड की भी आशंका है, इसलिए समुद्र से दूर रहें. समुद्र में तेज उथल-पुथल होने से वहां जाने वालों को समस्या हो सकती है.

हाई टाइड का प्रभाव

बारिश और हाई टाइड का प्रभाव

भारी बारिश और हाई टाइड की स्थिति अगर एक साथ बनती है, तो इससे तटीय शहरों में जल जमाव की स्थिति गंभीर हो सकती है. इसकी वजह यह है कि बारिश के बाद नदी-नालों का पानी समुद्र की ओर जाता है, लेकिन हाई टाइड की वजह से वहां बैक फ्लो हो जाता है और पानी वापस आ जाता है. बैक फ्लो की गति तीव्र होती है, जो किसी भी दुर्घटना की वजह बन सकता है. वहीं हाई टाइड की वजह से कई बार निचले इलाकों में भी पानी भर जाता है. यही वजह है कि खराब मौसम में हाई टाइट को खतरनाक माना जाता है और समुद्र के किनारे जाने से रोका जाता है. मुंबई में रेल और विमान सेवा भी बुरी तरह प्रभावित होती है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित होता है.

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