वृंदावन के गोविंद देव मंदिर को अकबर ने बनवाया, लेकिन क्रूर परपोते औरंगजेब ने दिया तोड़ने का आदेश, पढ़ें पूरी कहानी

Aurangzeb The Controversial King : मुगल शासकों में औरंगजेब को सबसे क्रूर और विवादित माना जाता है. इसकी वजह यह है कि उसने अपनी प्रजा पर अनगिनत अत्याचार किए. वह एक धार्मिक व्यक्ति था और उसकी आस्था सिर्फ अपने धर्म में थी और वह गैरमुसलमानों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार करता था. औरंगजेब ने जबरन धर्मांतरण कराया, हिंदुओं पर जजिया कर लगाया और उनके मंदिरों को तोड़ा. यह तो बात हुई गैर मुसलमानों के साथ उसके व्यवहार की, लेकिन जिस तरह उसने सत्ता हासिल की, वह भी उसकी क्रूरता का ही संदेश देता है.

By Rajneesh Anand | November 8, 2025 8:39 PM

Aurangzeb The Controversial King : मुगल साम्राज्य विश्व के सर्वाधिक समृद्ध साम्राज्यों में गिना जाता है, जिन्होंने भारत पर सबसे अधिक 331 सालों तक शासन किया था. मुगलों ने एक बेहतरीन शासन व्यवस्था देश में स्थापित की और भारत को एकसूत्र में बांधा था. मुगल साम्राज्य का विस्तार दक्षिण भारत तक हो गया और इसमें मुगल बादशाह औरंगजेब ने अहम भूमिका निभाई थी. ये तो मुगलों के बारे में अच्छी बाते हैं, लेकिन इनके बारे में कई ऐसी बातें भी इतिहास में दर्ज हैं, जो मुगलिया सल्तनत पर दाग के समान हैं. औरंगजेब जिसने करीब 50 वर्षों तक भारत पर राज किया, उसने यहां के लोगों पर काफी अत्याचार भी किए थे. औरंगजेब को मुगल शासकों में सबसे विवादास्पद माना जाना है. इसकी वजह यह है कि औरंगजेब ने हिंदुओं के साथ बहुत ही क्रूर व्यवहार किया. उनका धर्मांतरण कराया और उनकी धार्मिक आस्था पर बहुत चोट किया. आइए समझते हैं औरंगजेब का शासन किस प्रकार का था.

औरंगजेब का शासनकाल क्यों खास है?

औरंगजेब ने लगभग 50 सालों तक भारत पर शासन किया था. उसका युग भारतीय इतिहास में 1658 से 1707 के बीच का है. उसके शासनकाल के दौरान मुगल साम्राज्य अपनी चरम सीमा तक पहुंच गया था. इतिहासकर जदुनाथ सरकार अपनी किताब History of Aurangzib में उसके बारे में विस्तार से लिखा है. यदुनाथ सरकार लिखते हैं कि ब्रिटिश सत्ता के उदय तक भारत में अब तक के सबसे बड़े एकल राज्य की स्थापना औरंगजेब ने की थी. गजनी से चटगांव तक और कश्मीर से कर्नाटक तक भारत एक ही राजदंड के अधीन था. इस कालखंड में पूरे भारतवर्ष पर किसी उप राजा की मध्यस्थता से नहीं बल्कि मुगल सेवकों के द्वारा शासन किया जाता था. कई जगहों पर विद्रोह जरूर हुए, लेकिन उसे पूरी मजबूती के साथ दबा दिया गया.

आखिर औरंगजेब को सबसे विवादास्पद क्यों माना जाता है?

मुगल साम्राज्य के शासकों की बात करें, तो सबसे ज्यादा जिन शासकों की बात होती है, उनमें अकबर और औरंगजेब का नाम सबसे ऊपर आता है. अकबर अपनी व्यवस्थाओं और गैरमुसलमानों के साथ बनाए गए अच्छे संबंधों के लिए याद किए जाते हैं, तो औरंगेजब गैर मुसलमानों पर अत्याचार और इस्लाम की रुढ़िवादी परंपराओं को स्थापित करके के लिए जाने जाते हैं. अपुष्ट स्रोतों का यह कहना है कि औरंगजेब ने सैकड़ों मंदिर तुड़वा दिए और हिंदुओं का जबरन धर्मांतरण भी कराया. मुगल बादशाह औरंगजेब की नीतियां हिंदू विरोधी थी. उसने अपने शासनकाल में कई मंदिरों को ध्वस्त किया और हिंदुओं पर जजिया कर फिर से लगाया. प्रसिद्ध इतिहासकार जदुनाथ सरकार ने अपनी किताब A SHORT HISTORY OF AURANGZIBВ में लिखा है कि मुगलों का शासनकाल इस्लामिक कानून पर आधारित था, जहां अन्य धर्म के लोगों को बराबरी का दर्जा प्राप्त नहीं था. हालांकि कई मुगल बादशाह ऐसे भी हुए जिन्होंने अन्य धर्म के लोगों को तवज्जो भी दी. मुगल बादशाह औरंगजेब ने अपने शासनकाल के दौरान इस्लामिक कानून को लागू किया और शुरुआत में हिंदू धर्म पर कपटपूर्ण तरीके से आक्रमण की शुरुआत की.

जदुनाथ सरकार ने लिखा है कि उन्होंने बनारस के एक पुजारी को दिए दस्तावेज में यह कहा कि उनका धर्म उन्हें नए मंदिरों की स्थापना की इजाजत नहीं देता है, इसलिए वे नए मंदिर नहीं बनवा सकते. उसने शुरुआत में यह भी कहा कि उसका धर्म उन्हें पुराने मंदिरों को तोड़ने की इजाजत भी नहीं देता है. लेकिन समय के साथ ही उसने अपना बयान बदला और यह आदेश दिया कि ओडिशा में कटक से मिदनापुर तक 10-12 साल में जितने भी मंदिर बने थे उन्हें तोड़ दिया जाए. औरंगजेब के शासनकाल में किसी भी पुराने मंदिर को मरम्मत की अनुमति नहीं दी गई. 1669 में औरंगजेब ने यह आदेश दिया था कि काफिरों के सभी स्कूलों और मंदिरों को ध्वस्त कर दिया जाए. उनकी धार्मिक शिक्षा और प्रथाओं को खत्म कर दिया जाए. औरंगजेब ने काशीविश्वनाथ और सोमनाथ के मंदिर को भी निशाने पर लिया. औरंगजेब इस्लाम का कट्टर अनुयायी था और इस्लाम गैर मुसलमानों से युद्ध की इजाजत देता है. उसने हिंदुओं का पालकी से चलना, घोड़े पर बैठना भी बंद करवा दिया था. सभी प्रशासनिक पदों से हिंदुओं को हटाकर मुसलमानों की भर्ती कर दी गई थी.

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क्या औरंगजेब ने वृंदावन के गोविंद देव मंदिर को तोड़ा था?

गोविंद देव मंदिर

औरंगजेब ने इस्लाम के प्रचार के लिए हिंदू मंदिरों को हमेशा निशाने पर रखा. उसके बारे में यह कहा जाता है कि उसके हिंदू मंदिरों को काफी क्षति पहुंचाई. वृंदावन के गोविंद देव मंदिर का निर्माण अकबर के सेनापति मानसिंह ने उनके संरक्षण में कराया था. यह मंदिर सात मंजिला थी. इसके बारे में यह कहा जाता है इसे औरंगजेब ने तुड़वा दिया था. इतिहासकार यदुनाथ सरकार, आर नाथ और कई अन्य इतिहासकार और यात्रियों ने इस बारे में लिखा है कि औरंगजेब ने वृंदावन के मंदिर को तोड़ने की इजाजत दी थी. यदुनाथ सरकार ने अपनी किताब History of Aurangzib में यह लिखा है कि औरंगजेब के आदेश से मंदिर के ऊपरी हिस्से को तोड़ दिया गया था. अकबर ने इस मंदिर को संरक्षित किया था, क्योंकि वह एक उदार शासक था. औरंगजेब एक क्रूर शासक था, इसलिए उसने मंदिर को तोड़ने का आदेश दिया, क्योंकि जब यहां दीये जलाए जाते थे, तो उसकी रोशनी बहुत दूर तक दिखाई देती है.

मुगलों ने भारत पर कितने साल शासन किया?

मुगलाों ने भारत पर 331 साल तक शासन किया.

क्या औरंगजेब ने हिंदुओं के लिए अलग कानून बनाए थे?

हां, औरंगजेब ने हिंदुओं को प्रशासनिक पदों से हटाया और उन पर जजिया कर भी लगाया.

औरंगजेब ने मुगल साम्राज्य को सबसे अधिक विस्तार दिया?

हां, औरंगजेब के काल में मुगल साम्राज्य का सबसे अधिक विस्तार था.

क्या औरंगजेब ने अपने भाई की हत्या की थी?

हां, औरंगजेब ने अपने बड़े भाई दारा शिकोह की हत्या सत्ता के लिए की थी.

दक्षिण में औरंगजेब किसको हरा नहीं सका?

दक्षिण में औरंगजेब मराठों को नहीं हरा सका.

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