सास-ससुर हो जाएं सावधान! अगर आपने बच्चों की शादी में दी दखल तो हो सकता है केस
Alienation of Affection : पति-पत्नी के रिश्ते को खराब करने वालों की अब खैर नहीं है. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसे लोगों पर अब केस दर्ज हो गया और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई संभव है.
Table of Contents
Alienation of Affection : दिल्ली हाईकोर्ट ने एक केस की सुनवाई के दौरान यह कहा कि अगर कोई व्यक्ति पति-पत्नी के रिश्ते को खराब करने की कोशिश करेगा या उनके प्यार को नफरत में बदलने का प्रयास करेगा, तो उस व्यक्ति पर केस दर्ज हो सकता है. इसे ‘एलिएनेशन ऑफ अफेक्शन’ (Alienation of Affection)केस कहा जाता है. यह केस पीड़ित पक्ष दाखिल कर सकता है, जिसमें पति और पत्नी दोनों शामिल होंगे.
हाईकोर्ट ने क्या कहा है?
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि भारत में भी ऐसे मुकदमे कानूनी तौर पर मान्य हैं जिसमें एक शादी को खराब करन की कोशिश सास-ससुर, दोस्त, रिश्तेदार या कोई और करीबी करता है. अगर पीड़ित व्यक्ति उसके खिलाफ मुकदमा दायर करता है और यह चाहता है कि इसके एवज में उसे हर्जाना दिया जाए, तो जिस भी व्यक्ति के खिलाफ वह केस दर्ज करना चाहता है वह स्वतंत्र है.
‘एलिएनेशन ऑफ अफेक्शन’ क्या है?
एलिएनेशन ऑफ अफेक्शन का केस तब दर्ज होता है जब किसी शादी को खराब करने की कोशिश होती है. इसके लिए पीड़ित पक्ष कोर्ट की शरण में जा सकता है और अपनी शादी को बर्बाद करने वाले के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मुआवजे की मां कर सकता है. यह एक सिविल केस होता है और इसमें पीड़ित पक्ष हर्जाने की मांग कर सकता है.
भारत में आम नहीं है ‘एलिएनेशन ऑफ अफेक्शन’
‘एलिएनेशन ऑफ अफेक्शन’ के केस भारत में ना के बराबर हैं, लेकिन तलाक के एक मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने जिस तरह की टिप्पणी की है, उससे उन लोगों को फायदा हो सकता है, जो पीड़ित हैं. कहने का आशय यह है कि शादी के टूटने पर वैसे लोग जो खुद को पीड़ित मानते हैं और यह विचार करते हैं कि उनको नुकसान हुआ है, वे कोर्ट की शरण में जा सकते हैं. इस केस से रिश्ते को बचाना भले ही संभव ना हो, लेकिन उनके लिए क्षतिपूर्ति संभव है, जिनका शादी टूटने से नुकसान हुआ हो.
ये भी पढ़ें : Karur Rally Stampede : आखिर कैसी है ये दीवानगी, जो ले लेती है सैकड़ों की जान?
Who are Indian Muslims : कौन हैं भारतीय मुसलमान? इतिहास के पन्नों में झांककर देखें
