भारतीय राजनीति के वर्तमान परिदृश्य में आम आदमी पार्टी (आप) की जीत ताजा बयार की तरह है. यह जीत न केवल भारतीय राजनीति को एक नयी दिशा में मोड़ रही है, बल्कि इस तथ्य कि भारत का आम आदमी ही भ्रष्ट है इसलिए वह अपने मन में अनजाने रूप से भ्रष्टाचारी तंत्र का समर्थक हो चुका है, को भी सिरे से खारिज करती है. इसलिए इस जीत के मायने सिर्फ एक राजनीतिक पार्टी की जीत से ज्यादा हैं.
वर्ग-आधारित उबाऊ राजनीति से थका आम आदमी अब केवल रोटी और रोजगार की बातें नहीं करता, बल्कि अब उसकी रगों में एक नयी राष्ट्रवादी सोच का भी उदय हो रहा है, जो देश की सरकार को अपेक्षाओं के नये स्तर पर ले जा रहा है. आगामी सरकार चाहे जिसकी भी हो, वह खुद को इन अपेक्षाओं से अलग नहीं रख पायेगी, जिनका बीज आम आदमी पार्टी ने बो दिया है.
ब्रजेश कुमार, ई-मेल से