रांची विवि में अभी हाल ही में अपने प्राध्यापकों का स्थानांतरण किया गया था, लेकिन कुछ ही दिन बाद उसमें बड़ा परिवर्तन करना पड़ा़ यहां एक बार आदेश निकलता है और फिर आदेश में हेरा-फेरी हो जाती है़
यानी प्रशासन चुस्त–दुरुस्त नहीं है़ दूसरी ओर, विवि के अंतर्गत कॉलेजों की आधारभूत संरचना जर्जर स्थिति में है, जिसे देखनेवाला कोई नहीं है़ क्योंकि जब विवि के कुलपति ही घेराव, हड़ताल व बंद आदि से घिरे रहते हैं, तो इतने पुराने व बड़े विश्वविद्यालय को सुधारने का काम कैसे कर पायेंगे भला? सरकार इस ओर ध्यान दे़