भारतीय क्रिकेट की कल्पना जिसके बिना मुश्किल थी, टीम के ड्रेसिंग रूम में जिसके न होने से साथी खिलाड़ियों का मनोबल कमजोर रहता था, जिसके खेल ने क्रिकेट को हर वर्ग तक पहुंचाया और उसे लोकप्रिय बनवाया, जिसके खेल को देख कर औरों ने क्रिकेट की बारीकियां सीखीं, जिसके चौके और छक्के गेंदबाजों को सपनों में भी नजर आये,
जिसके कुल रन कई देशों के सभी खिलाड़ियों के कुल रनों से भी अधिक हैं, जिसके खेलने की कला के आगे द्रविड़, गांगुली और लक्ष्मण जैसे खिलाड़ियों का खेल भी गौण नजर आया, जिसके सौम्य–सरल स्वभाव ने करोड़ों लोगों को अपना दीवाना बना दिया, उस मास्टर–ब्लास्टर सचिन रमेश तेंडुलकर की क्रिकेटीय पारी के अब कुछ ही दिन शेष हैं. 24 वर्षो तक क्रिकेट की सेवा करनेवाले सचिन को शत–शत नमन्!
सौरभ पाठक, बुंडू