इस पत्र के माध्यम से मैं बाइक (मोटरसाइकिल) चलानेवालों का ध्यान आकृष्ट कराना चाहता हूं. कहा जाता है, जान है तो जहान है. सड़क पर चलते समय, आप भले ही अपने गंतव्य पर देर से पहुंचें, लेकिन दुरुस्त पहुंचें, यह बात आपके दिमाग में हमेशा होनी चाहिए. हड़बड़ का काम हमेशा गड़बड़ का होता है. सड़क पर चलनेवाले वाहनों में बाइक सबसे असुरक्षित वाहन है. इसलिए हेलमेट और जूते का प्रयोग हमेशा करें.
राज्य के एक शहर को दूसरे शहरों से जोड़नेवाले राजमार्गो पर वाहनों का आजकल जबरदस्त दबाव है. कई सड़कें तो वाहनों की संख्या के अनुपात में पर्याप्त चौड़ी भी नहीं हैं. और इन सड़कों के किनारे के गड्ढे भी जानलेवा हैं. ऐसे में गलत ओवरटेकिंग से हमेशा बचें. बड़ी गाड़ियों के चालक तो बाइकर्स को चींटी के समान समझते हैं. डबल लेन की सड़क होने के बावजूद कहीं–कहीं तो गाड़ियों की आपसी प्रतिस्पर्धा की वजह से मोटरसाइकिल सवार को सड़क से उतर जाना पड़ता है.
और यह भी एक सच्चई है कि आज के समय में दुर्घटनाग्रस्त इनसान को बचाने और अस्पताल पहुंचानेवाले कम ही लोग हैं. ऐसे में बाइकर्स को अपनी सूझ–बूझ का इस्तेमाल खुद करना होगा. कम से कम तीन साल का अनुभव पा लेने के बाद ही मुख्य सड़क पर उतरना उचित है, नौसिखिया बाइकर्स तो कभी नहीं.
मेरी सलाह है कि दो से ज्यादा व्यक्ति बाइक पर सफर न करें. ज्यादा लोड न आपकी गाड़ी बरदाश्त कर सकती है और न ही चलानेवाला. लंबी दूरी के लिए बस से सफर करें. बरसात में दुर्घटनाएं ज्यादा होती हैं. वजह यह है कि लोग भींगने से बचने के लिए गाड़ी तेज चलाते हैं और पानी पर पहिए स्लिप भी करते हैं. इसलिए इस बात की भी सावधानी बरतें.