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हाजीपुर-सुगौली सहित नौ रेल मार्गों में 10 सालों से फंसा है जमीन का पेच

जमीन अधिग्रहण में देरी से पूरी नहीं हो रहीं परियोजनाएं पटना : राज्य में करीब 10 साल देरी से चल रही हाजीपुर-सुगौनी नयी रेल लाइन परियोजना के लिए जमीन अधिग्रण के कार्य में तेजी आयेगी. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने लंबित पड़ी रेलवे की योजनाओं की समीक्षा की है. जयनगर वर्दीवास न्यू बीजी लाइन, […]

जमीन अधिग्रहण में देरी से पूरी नहीं हो रहीं परियोजनाएं
पटना : राज्य में करीब 10 साल देरी से चल रही हाजीपुर-सुगौनी नयी रेल लाइन परियोजना के लिए जमीन अधिग्रण के कार्य में तेजी आयेगी. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने लंबित पड़ी रेलवे की योजनाओं की समीक्षा की है.
जयनगर वर्दीवास न्यू बीजी लाइन, बंधुआ-पैमार रेलवे लाइन, छपरा-मुजफ्फरपुर रेलवे लाइन, हथुआ भटनी रेल लाइन, तिलैया-कोडरमा नयी रेलवे लाइन, राजगीर-तिलैया रेलवे परियोजना, गया-डीएफसीसी कोलकाता जोन, औरंगाबाद-डीएफसीसी वाराणसी जोन में जमीन अधिग्रहण का काम किया जाना है. विभाग के प्रधान सचिव स्तर से जमीन अधिग्रहण का काम जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिये गये हैं.
हाजीपुर-सुगौनी नयी रेल लाइन : 171 किलोमीटर लंबी इस परियोजना में पश्चिमी चंपारण में कुल 512.94 एकड़ भूमि का अधिग्रहण करना है. इसमें 20 फीसदी जमीन के अधिग्रहण का काम बाकी है.
वहीं इस मार्ग में मुजफ्फरपुर में 559.46 एकड़ भूमि का अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है, लेकिन पचास फीसदी मामलों में पैसे का भुगतान लंबित है. वैशाली में 319.55 एकड़ का अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी है. अकेले वैशाली में 30 किमी रेल लाइन का निर्माण करना है. इन जगहों पर कई गांवों में दखल कब्जा को लेकर समस्या हो रही है. जबकि, कई जगहों पर मुआवजा भुगतान की कार्रवाई चल रही है. यह प्रोजेक्ट 2004 में शुरू किया गया था और इसे 2009 मार्च तक पूरा होना था.
कई गांवों में दखल-कब्जा को लेकर समस्या
जयनगर-वर्दीवास: न्यू बीजी लाइन इस प्रोजेक्ट में मधुबनी जिले में भू-अर्जन का काम बाकी है. इसके अलावा एलाइमेंट में पड़ने वाले मंदिर को अन्य जगह पर स्थापित करने का काम किया जाना है. इसके अलावा बंधुआ पैमार रेलवे लाइन बाइपास में गया जिले के 13 मौजा में अधिग्रहण का काम चल रहा है. इसके अलावा अधिग्रहण का मुआवजा वितरण करने का काम भी काफी धीमा है. इस प्रोजेक्ट में गया जिले के कुल 51 करोड़ रुपये में मात्र 13 करोड़ रुपये राशि का ही वितरण किया गया है. इसके जून, 2019 तक पूरा होना था.
छपरा-मुजफ्फरपुर नयी बड़ी रेल लाइन
इसमें मुजफ्फरपुर जिले के 14 राजस्व गांवों में 176.81 एकड़ भूमि का अधिग्रहण करना है. इसमें दखल कब्जा का काम पूरा किया गया है. जबकि, सात गांवों में नये अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है. इसके अलावा इस प्रोजेक्ट में सारण जिले के 46 गांवों में 439.87 एकड़ भूमि का अधिग्रहण करना है.
इसमें गरखा, विष्णपुर में मुआवजा का काम बाकी है और सात गांवों में अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है. इसके अलावा हथुआ भटनी रेल लाइन में गोपालगंज जिले के कुल 315.517 एकड़ जमीन में पांच गांवों में नयी रेट से अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है. नौ वर्ष पूर्व छपरा-मुजफ्फरपुर नयी बड़ी रेल लाइन की रेल खंड की घोषणा हुई थी. जबकि, हथुआ भटनी रेल लाइन की शुरुआत 2005-06 में की गयी थी.
तिलैया-कोडरमा नयी रेल लाइन
इस परियोजना में नवादा जिले के कुल 30 गांवों के 335.085 एकड़ भूमि अधिग्रहण में 16.66 एकड़ करोड़ में से 11.34 करोड़ का भुगतान किया गया है. जबकि, शेष बाकी है. इसी प्रकार से राजगीर तिलैया रेलवे परियोजना में 13 राजस्व गांवों के 182.99 एकड़ भूमि में 176.365 एकड़ अधिग्रहण हो गया है.
जबकि, 11.93 करोड़ में 8.93 करोड़ मुआवजा का भुगतान किया गया है. इसके अलावा गया-डीएफसीसी कोलकाता जोन में 112.20 हेक्टेयर रैयती भूमि का अधिग्रहण, औरंगाबाद-डीएफसीसी वाराणसी जोन में 55.67 एकड़ भूमि अधिग्रहण में रैयतदारों के आपसी विवाद के कारण मुआवजे का भुगतान रुका हुआ है. तिलैया-कोडरमा नयी रेल लाइन प्रोजेक्ट को इस वर्ष मार्च तक पूरा होना था.

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