टीवी एक्टर करण ओबेरॉय पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली महिला ने सोमवार को ओशिवारा पुलिस को अपना फोन सरेंडर कर दिया. विवेक को तीन दिन पहले ही हाई कोर्ट से बेल मिल चुकी है. वहीं महिला के फोन को जब्त करने में हुई इस देरी को लेकर करण ओबेरॉय के वकील ने पुलिस से सवाल किया है.
बता दें कि करण ओबेराय को पांच मई को गिरफ्तार किया गया था. अपनी जमानत याचिका में ओबेराय ने दावा किया कि उनके बीच आपसी रजामंदी वाले संबंध थे और रिश्ते टूटने के बाद महिला ने बलात्कार का आरोप लगाया.
TOI की रिपोर्ट के अनुसार, महिला का फोन देरी से जब्त करने को लेकर करण के वकील दिनेश तिवारी ने कहा,’ यह हैरानी वाली बात है कि पुलिस महिला का फोन जब्त किये बिना मामले की जांच कैसे कर रही है, जबकि 7 जून को करण के केस में हो रही बेल के दौरान ही कोई ने कड़ी फटकार लगाई थी. पुलिस ने फोन जब्त करने में 3 दिन का समय लगा दिया. संभावना है कि इस दौरान महिला ने अपने फोन का डाटा डिलीट कर दिया हो.’
उन्होंने आगे कहा,’ इन्फैक्ट शुरुआत से ही हम महिला के फोन जब्त करने को लेकर कानूनी नोटिस और कोर्ट में दायर याचिका के बारे में पुलिस अधिकारियों से पूछताछ कर रहे हैं. वही इसकी बेहतर वजह बता सकते हैं.’
TOI ने एक सूत्र के हवाले से लिखा, खुद हमले की साजिश रचने और 25 मई को झूठी FIR दर्ज करने को लेकर पुलिस में अभी तक उनसे पूछताछ कर रही है और जल्द ही उन्हें नोटिस भेजने की तैयारी कर रहे हैं. करण की बेल की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने ओशिवारा पुलिस स्टेशन के जांच अधिकार से सवाल किया कि खुद पर हमला करने को लेकर महिला के खिलाफ कोई एक्शन क्यों नहीं लिया ? एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘खुद पर हमला कराने को लेकर महिला अरेस्ट नहीं हुई है क्योंकि हम कुछ लीगल प्रोसेस से गुजर रहे है, जिसमें कुछ दिन और लगेंगे.’
गौरतलब है कि, न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे ने शुक्रवार को 50 हजार रुपये के मुचलके पर ओबेराय को जमानत दी. ओबेराय को राहत देते हुए, न्यायाधीश ने कहा कि महिला ने 25 मई को अपने ऊपर फर्जी हमले की ‘कहानी गढ़ी’ और यह दिखाने का प्रयास किया कि अभिनेता के खिलाफ शिकायत के कारण उसे निशाना बनाया गया.