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अन्न के जुगाड़ में भटक रहे आदिवासी, सरकार मना रही उत्सव

कालचीनी : बंद चाय बागान में आदिवासियों के सामने भूख का संकट है और सरकार आदिवासियों के नाम पर उत्सव मना रही है. यह कहना है चाय बागानों में रहनेवाले आदिवासी समुदाय के श्रमिकों का. नाराज श्रमिकों ने आदिवासी उत्सव का बहिष्कार किया है. श्रमिकों का कहना है कि जब हमारे बंद चाय बागान में […]

कालचीनी : बंद चाय बागान में आदिवासियों के सामने भूख का संकट है और सरकार आदिवासियों के नाम पर उत्सव मना रही है. यह कहना है चाय बागानों में रहनेवाले आदिवासी समुदाय के श्रमिकों का. नाराज श्रमिकों ने आदिवासी उत्सव का बहिष्कार किया है. श्रमिकों का कहना है कि जब हमारे बंद चाय बागान में एक के बाद एक श्रमिकों की मौत हो रही है, हम जीने के अन्न का जुगाड़ नहीं कर पा रहे हैं, ऐसे में उत्सव में जाकर जश्न कैसे मना सकते हैं. राज्य सरकार आनंद उत्सव में झूम रही हैं, लेकिन हम दुखी और चिंतित हैं.

शुक्रवार अलीपुरदुआर जिले के कालचीनी प्रखंड स्थित बंद कालचीनी चाय बागान में लाखों रुपये खर्च करके आदिवासी उत्सव का शुभारंभ हुआ. बंद बागान के श्रमिकों ने इस उत्सव की तीव्र निंदा की और विरोध जताया है.

उल्लेखनीय है कि विगत 26 अक्टूबर से ही अलीपुरदुआर जिले के कालचीनी प्रखंड स्थित द बाक्सा डुआर्स टी कंपनी के अंतर्गत कालचीनी और राईमाटांग चाय बागान बंद पड़ा है. इसी बीच, पैसे के अभाव में इन बागानों के लगभग आठ श्रमिकों की मौत हो चुकी हैं. कई अब बीमार हैं और उनके उचित ईलाज की कोई व्यवस्था नहीं है. इधर मौत का शिलशिला थम नहीं रहा है, उधर पेट की भूख पलायन को मजबूर कर रही है. ऐसे में बंद चाय बागान में आदिवासी श्रमिकों के बच्चों के आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा, लेकिन बंद कालचीनी चाय बागान की फैक्ट्री गेट के सामने आचार्य भानु बिरसा भवन में धूमधाम से आदिवासी उत्सव मनाया जा रहा है.

इस विषय में कालचीनी चाय बागान के सचिव गणेश लामा ने बताया कि यह बेहद दुर्भाग्य का विषय है. आज आदिवासियों के सामने भूख और ईलाज की समस्या है, बागान खुलने के इंतजार में वो जी रहे हैं. और बंद फैक्ट्री के सामने लाखों का आदिवासी उत्सव मनाया जा रहा है. यह उत्सव किसके लिए है और किस बात का उत्सव है. उन्होंने कहा सरकार ने श्रमिकों के लिए कुछ नहीं सोचा. श्रमिकों के घर में चूल्हा नहीं जल रहा, लेकिन सरकार चाह रही है कि उत्सव मनाये.

कालचीनी चाय बगान मजदूर यूनियन संगठन के अध्यक्ष फिरोज ग्वाला ने कहा कि बागान बंद होने के बाद यहां के चाय श्रमिक कर्महीन हो चुके हैं, कितने युवतियां व महिलाएं काम की तलाश में पलायन कर रही हैं. पूरे इलाके में निराशा का माहौल है और सरकार पता नहीं किस बात का उत्सव मना रही है. श्री ग्वाला ने आरोप लगाया कि बंद चाय बागान के श्रमिकों के लिए सरकार कुछ नहीं कर रही है.

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