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झिलमिल पार्क में किसान कर रहे खेती

धूपगुड़ी : कभी धूपगुड़ी ब्लॉक अंतर्गत गादोंग एक नंबर ग्राम पंचायत अंतर्गत झिलमिल पार्क प्रकृति प्रेमियों और पिकनिक मनाने वालों से गुलजार रहता था. लेकिन पिछले 20 साल से यह पार्क बंद पड़ा अपनी किस्मत को रो रहा है. उल्लेखनीय है कि यह पार्क वामफ्रंट के शासनकाल में 90 के दशक में बना था. उसी […]

धूपगुड़ी : कभी धूपगुड़ी ब्लॉक अंतर्गत गादोंग एक नंबर ग्राम पंचायत अंतर्गत झिलमिल पार्क प्रकृति प्रेमियों और पिकनिक मनाने वालों से गुलजार रहता था. लेकिन पिछले 20 साल से यह पार्क बंद पड़ा अपनी किस्मत को रो रहा है. उल्लेखनीय है कि यह पार्क वामफ्रंट के शासनकाल में 90 के दशक में बना था.

उसी समय यह चालू भी हुआ था. लेकिन बाद में राज्य सरकार और तृणमूल के बीच भूमि विवाद को लेकर पार्क को बंद कर देना पड़ा. पार्क के बंद होने से इस पर रोजी रोटी के लिये निर्भर लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है.
धीरे धीरे यह उद्यान अपनी सुंदरता को खो रहा है. इस पार्क के चारों ओर डुडुआ नदी का कैनल है. कैनल के बीचोंबीच करीब 70 बीघा जमीन में यह उद्यान स्थित है. फिलहाल यहां के कई किसानों ने उद्यान में खेती भी करनी शुरू कर दी है. खेती की आड़ में उद्यान की जमीन पर अवैध दखल भी होने लगा है. हालांकि प्रशासन इस समस्या से बेखबर है.
स्थानीय सूत्र के अनुसार, नब्बे के दशक में तत्कालीन जलपाईगुड़ी जिला परिषद के सभाधिपति वनमाली राय की पहल पर शुरु में यह पार्क केवल 27 बीघा जमीन में चालू किया गया. बाकी हिस्से में पार्क का विस्तार करने को लेकर सत्तासीन माकपा और विपक्षी तृणमूल के बीच विवाद छिड़ गया.
उद्यान के भीतर सात परिवार रहते हैं. इन परिवारों का कहना है कि वे लोग अपनी ही जमीन में हैं. तत्कालीन राज्य सरकार ने उन्हें अन्यत्र बसाकर पूरे इलाके में उद्यान बनाने का निर्णय लिया था. लेकिन स्थानीय तृणमूल नेतृत्व के दबाव के चलते वह ऐसा नहीं कर सके. आखिर में यह उद्यान ही बंद कर देना पड़ा.
इससे पार्क पर निर्भर कुछ परिवार बेरोजगार हो गये हैं. स्थानीय युवक अलोक राय, दीपक राय, दीप राय और मुजफ्फर होसेन ने बताया कि बीस साल से यह पार्क बंद है. उम्मीद करते हैं कि राज्य सरकार इसे चालू करने की दिशा में ठोस पहल करेगी. पार्क में बोट टूटे फूटे हैं. झूला नहीं हैं. विश्रामघर में गंदगी का साम्राज्य है. पार्क के भीतर सब्जियों की खेती होती है.
अन्य निवासी रवींद्रनाथ राय और रमेन राय ने बताया कि पार्क चालू होने से यहां पर्यटक आने लगेंगे. इससे यहां के कई परिवारों को रोजगार मिलेंगे. विश्वजीत सरकार ने बताया कि शाम होते ही पार्क के भीतर शराब और जुए का अड्डा जम जाता है. पार्क के घरों में दरवाजे-खिड़कियां नहीं हैं. लोहे के सामानों में जंग लग रहा है.
झिलमिल उद्यान के बाबत गादंग एक नंबर ग्राम पंचायत के प्रधान निर्मल राय ने बताया कि पार्क के सुधार के लिये पंचायत समिति के पास एक प्रस्ताव भेजा गया है. पार्क को नये सिरे से सजाने के लिये और जमीन चाहिए. लेकिन कोई जमीन देने के लिये तैयार नहीं है.
वामफ्रंट के जमाने में सभाधिपति रहे वनमाली राय ने कहा कि तृणमूल के विरोध के चलते पार्क को पूरी तरह से तैयार करना संभव नहीं हुआ था. इसके लिये तृणमूल की जमीन नीति जिम्मेदार है. पंचायत समिति के सदस्य दीनेश चंद्र मजुमदार ने कहा कि पार्क को लेकर विचार चल रहा है. हम लोग जल्द पार्क का सौंदर्यीकरण हाथ में लेंगे.

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