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थम नहीं रही वन्यप्राणी के देहावशेषों की तस्करी, तेंदुए की खाल समेत पांच गिरफ्तार

सिलीगुड़ी/जलपाईगुड़ी : लगातार अभियान के बाद भी वन्यप्राणियों के देहावशेषों की तस्करी करने वाले गिरोह का पलड़ा भारी पड़ रहा है. तस्करी के लिए स्वर्ग माने जाने वाले सिलीगुड़ी कोरीडोर से बीते एक महीने में वन विभाग ने करोड़ों के वन्यप्राणी देहावशेषों को जब्त किया है. बीते रविवार की देर रात भी उत्तर बंगाल वन […]

सिलीगुड़ी/जलपाईगुड़ी : लगातार अभियान के बाद भी वन्यप्राणियों के देहावशेषों की तस्करी करने वाले गिरोह का पलड़ा भारी पड़ रहा है. तस्करी के लिए स्वर्ग माने जाने वाले सिलीगुड़ी कोरीडोर से बीते एक महीने में वन विभाग ने करोड़ों के वन्यप्राणी देहावशेषों को जब्त किया है.
बीते रविवार की देर रात भी उत्तर बंगाल वन विभाग की स्पेशल टास्क फोर्स ने तेंदुए का खाल बरामद किया है. वहीं तस्करी के आरोप में पांच युवाओं की गिरफ्तारी भी हुयी है. आरोपियों को सोमवार जलपाईगुड़ी अदालत में पेश कर दिया गया है.
गुप्त जानकारी के आधार पर डीएफओ एन उमा रानी के निर्देशन में उत्तर बंगाल वन विभाग की स्पेशल टास्क फोर्स ने बीते रविवार को सिलीगुड़ी से सटे गाजलडोबा व उदलाबाड़ी इलाके में घात लगाया. गुप्तचरों की जानकारी के मुताबिक दो बाइक पर सवार पांच लोगों की संदेह के आधार पर तलाशी ली. उनके पास से बरामद एक स्कूल बैग से तेंदुए का खाल बरामद हुआ
. टास्क फोर्स की टीम ने तस्करी के आरोप में पांचो को गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों में विकास राई (30), रंजीत मोहंता (24), संजय अधिकारी (22), मोहन मुंडा (28) व किशन तमांग (37) शामिल हैं.
आरोपियों में शामिल विकास राई व किशन तमांग डुआर्स के नागराकाटा का निवासी है. जबकि बांकी तीन रंजीत, संजय व मोहन लाटागुड़ी का रहने वाला है. तेंदुए की हत्या व उसके खाल की तस्करी के आरोप में टास्क फोर्स ने आरोपियों को सोमवार जलपाईगुड़ी अदालत में पेश किया. अदालत ने आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
गोरूमारा के जंगलों में की गयी तेंदुए की हत्या
बरामद तेंदुए के खाल की लंबाई (सिर से पुंछ तक) 10 फीट है. खाल की लंबाई व चौड़ाई, पंजे का आकार, चेहरे का आकार आदि देखकर एक पूर्ण व्यस्क तेंदुए का खाल होने का अंदेशा वन विभाग जता रही है. वन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार खाल से रक्त की बदबू आ रही है.इसको दूर करने के लिए खाल के भीतरी हिस्से में हल्दी पाउडर लगाया गया था.
खाल में पाये गये खून के निशान व दुर्गंध आधार पर तेंदुए की हत्या चार से पांच दिन पहले किये जाने की संभावना है. तेंदुए की हत्या गोली मार कर की गयी है. बरामद खाल के सिर पर गोली के निशान पाये गये हैं. वन विभाग के प्राथमिक जांच व पूछताछ में आरोपियों ने तेंदुए की हत्या को कबूला है.
तेंदुए की हत्या गोरूमारा व लाटागुड़ी के जंगलों में ही की गयी है. वन विभाग के गोरूमारा डिवीजन को भी घटना से अवगत कराया गया है. गोरूमारा वन विभाग व जलपाईगुड़ी जिला पुलिस की माल एसडीपीओ भी मामले की जांच में जुटी है. जो पांच लोग पकड़े गये हैं उसमें से एक आरोपी टूरिस्ट गाइड है.
तस्करों ने ही खाया तेंदुए का मांस
इस अभियान के बाद से उत्तर बंगाल वन विभाग के स्पेशल टास्क फोर्स की टीम भी क्षुब्ध है. तेंदुए की हत्या करने के बाद गिरफ्तार पांचों तस्करों ने खाल को उसके शरीर से अलग किया और तेंदुए का मांस तस्करों ने बनाकर खाया.
इसके बाद डील के मुताबिक खाल को नेपाल पहुंचाने निकले. टास्क फोर्स प्रमुख संजय दत्त ने बताया कि मानव अपनी मानवता खो रहा है. समाज को विचारधारा बदलने की आवश्यकता है.
नरभक्षी या आदमखोर जानवर हो सकता है. लेकिन जब मानव तेंदुए व बाघ जैसे जानवरों की हत्याकर उसका मांस खाने लगे तो समाज की दिशा पर विचार करना आवश्यक हो जाता है. उन्होंने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया है कि तेंदुए की हत्या के बाद उसका मांस पकाकर इन लोगों ने वनभोज किया.
वन विभाग की नींद हराम
वन्यप्राणियों के देहावशेषों के तस्करी की रफ्तार से वन विभाग की नींद हराम हो गयी है. अभी दो दिन पहले ही उत्तर बंगाल वन विभाग की स्पेशल टास्क फोर्स ने तेंदुए का खाल बरामद किया था. दो दिन के अंतराल में एक और तेंदुए का खाल बरामद होने से वन विभाग में खलबली मची हुयी है.
बल्कि जंगलों में वन्यप्राणियों की सुरक्षा, व जंगलों में प्रवेश करने वालों तथा तस्करों पर निगरानी बढ़ाने पर विचार-विमर्श शुरू हो गया है. प्राप्त आंकड़ो के मुताबिक बीते 19 जनवरी स्पेशल टास्क फोर्स ने सिलीगुड़ी से सटे भारत-नेपाल सीमांत पानीटंकी से एक पूर्ण व्यस्क तेंदुए का खाल बरामद किया था.
उस मामले में दो तस्करी की गिरफ्तारी भी हुयी थी. दोनों नेपाल के निवासी है. नेपाल के जंगलो में तेंदुए को करीब एक माह पहले गोली मार कर हत्या किये जाने की संभावना वन विभाग को है. इसके दो दिन बाद ही फिर से तेंदुए के खाल सहित वन विभाग ने पांच युवकों को गिरफ्तार किया.
कब, क्या बरामद
इससे पहले बीते 12 जनवरी को वन विभाग ने राज्य वन्यप्राणी बोर्ड के सदस्य जयदीप कुंडू को कोलकाता में तेंदुए के खाल के साथ गिरफ्तार किया था. बरामद खाल भी डुआर्स इलाके से ही ले जाया गया था.
इसके अतिरिक्त खुफिया राजस्व निदेशालय की टीम ने 2 जनवरी को 1.69 करोड़ व 14 जनवरी को 1 करोड़ से अधिक का हाथी दांत बरामद किया था. अलग-अलग दो मामलों में एक महिला सहित तीन लोगों की गिरफ्तारी भी हुयी थी.
वहीं बीते 6 जनवरी को उत्तर बंगाल वन विभाग की स्पेशल टास्क फोर्स ने 1.089 किलो गैंडे का सींग व 505 ग्राम हाथी दांत के साथ तीन भूटानी नागरिकों को गिरफ्तार किया था. इसके अलावे भी डुआर्स सहित उत्तर बंगाल के विभिन्न इलाकों में वन्यप्राणियों के देहावशेषों को बरामद करने के कई मामले सामने आये हैं.

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